वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार (12 अगस्त) को उद्योग जगत से कहा कि आर्थिक पुनरूद्धार के संकेत दिखने लगे हैं, विदेशी मुद्रा भंडार 620 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है। सरकार अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार के लिए प्रतिबद्ध, आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिये हर जरूरी कदम उठाएगी। मोदी सरकार ने यहां तक कि महामारी के दौरान भी आर्थिक सुधारों को लेकर प्रतिबद्धता दिखायी है। सरकार और आरबीआई के बीच भागीदार वाला संबंध है, दोनों मिलकर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए कदम उठाएंगे। राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति का भुगतान समय पर किया जाएगा ताकि वे विकास गतिविधियों को आगे बढ़ा सके। यह समय उद्योगों के लिए आगे आकर निवेश करने और आर्थिक पुनरूद्धार को गति देने का है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने CII (भारतीय उद्योग परिसंघ) की वार्षिक बैठक 2021 के दूसरे दिन कहा कि वह भारत को आजादी के 75 साल पूरे होने पर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ते देखना चाहती हैं। उन्होंने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले महंगे जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता को कम करने के लिए अक्षय ऊर्जा उत्पादन में देश को आत्मानिभर बनने में मदद करने के लिए प्राइवेट सेक्टर को क्षमता निर्माण में प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर निर्भरता ऐसी होनी चाहिए कि हम स्थानीय स्तर पर उन उपकरणों का उत्पादन करने में सक्षम हों जो अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए आवश्यक हैं।
कम ब्याज दरों पर बजाज फिनसर्व के एमडी संजीव बजाज को जवाब देते हुए, एफएम सीतारमण ने कहा कि उन्हें खुशी है कि आरबीआई ने तरलता को कम करने का कोई संकेत नहीं दिया है जिसे अर्थव्यवस्था को विकास के उच्च स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता है।
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