मोदी सरकार ने बढ़ाई रबी फसलों की MSP, गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 40 रुपए बढ़ा

केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया है। गेहूं का 40 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है।

Modi govt increases MSP for rabi crops, minimum support price of wheat increased by 40 rupees
रबी फसलों की MSP बढ़ाई गई  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • 2022-23 मार्केटिंग सत्रों के लिए 6 रबी फसलों के लिए MSP में वृद्धि को मंजूरी दी है।
  • अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है।
  • सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए MSP तय करती है।

नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को चालू फसल वर्ष के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 40 रुपए बढ़ाकर 2,015 रुपए प्रति क्विंटल और सरसों के लिए 400 रुपए से बढ़ाकर 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की बैठक में इस बारे में फैसला लिया गया। एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) वह दर है जिस पर सरकार किसानों से अनाज खरीदती है। वर्तमान में, सरकार खरीफ और रबी दोनों मौसमों में उगाई जाने वाली 23 फसलों के लिए एमएसपी तय करती है।

खरीफ (गर्मी) फसलों की कटाई के तुरंत बाद अक्टूबर से रबी (सर्दियों) फसलों की बुवाई शुरू हो जाती है। गेहूं और सरसों रबी की प्रमुख फसलें हैं।एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सीसीईए ने 2021-22 फसल वर्ष (जुलाई-जून) और 2022-23 मार्केटिंग सत्रों के लिए 6 रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। इस फसल वर्ष के लिए गेहूं का एमएसपी 40 रुपए बढ़ाकर 2,015 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो 2020-21 फसल वर्ष में 1,975 रुपये प्रति क्विंटल था।  विज्ञप्ति में कहा गया है कि गेहूं की उत्पादन लागत 1,008 रुपए प्रति क्विंटल अनुमानित है।

जौ का समर्थन मूल्य 2021-22 के फसल वर्ष के लिए 35 रुपए बढ़ाकर 1,635 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जो पिछले वर्ष 1,600 रुपए प्रति क्विंटल था। दलहनों में, चने का एमएसपी पहले के 5,100 रुपए से 130 रुपए बढ़ाकर 5,230 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि मसूर (मसूर) के लिए एमएसपी पहले के 5,100 रुपए से 400 रुपए बढ़ाकर 5,500 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। तिलहन के मामले में सरकार ने फसल वर्ष 2021-22 के लिए सरसों के एमएसपी को 400 रुपए बढ़ाकर 5,050 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है, जो पिछले वर्ष में 4,650 रुपए प्रति क्विंटल था। सूरजमुखी का एमएसपी पहले के 5,327 रुपए प्रति क्विंटल से 114 रुपए बढ़ाकर 5,441 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है।

बयान में कहा गया है कि किसानों को उनकी उत्पादन लागत पर अपेक्षित लाभ गेहूं और सरसों (प्रत्येक में 100 %) के मामले में सबसे अधिक होने का अनुमान है, इसके बाद मसूर (79%), चना (74%), जौ (60%) और सूरजमुखी पर (50%) का स्थान आता है।

सरकार ने कहा कि मार्केटिंग सत्र 2022-23 के लिए रबी फसलों के एमएसपी में वृद्धि, केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणाओं के अनुरूप है, जिसमें उत्पादन की औसत लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर एमएसपी तय करने की घोषणा की गई थी। इसका उद्देश्य किसानों के लिए उचित लाभ सुनश्चित करना है।

सरकार ने यह भी कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिलहन, दलहन और मोटे अनाज के पक्ष में एमएसपी को फिर से दुरुस्त करने के लिए ठोस प्रयास किए गए ताकि किसानों को इन फसलों के लिए खेती का रकबा बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके और साथ ही तथा मांग एवं आपूर्ति के असंतुलन को ठीक करने के लिए सर्वोत्तम तकनीकों और कृषि पद्धतियों को अपनाया जा सके। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा हाल में घोषित खाद्य तेलों पर राष्ट्रीय मिशन-तेल पाम (एनएमईओ-ओपी) - जैसी एक केंद्रीय योजना से खाद्य तेलों का घरेलू उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलेगी।

कुल 11,040 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ एनएमईओ-ओपी योजना न केवल खेती के रकबे के विस्तार और उत्पादकता को बढ़ाने में सहायता करेगी, बल्कि किसानों को उनकी आय और अतिरिक्त रोजगार के सृजन से भी लाभान्वित करेगी। सरकार ने 2021-22 रबी मार्केटिंग सत्र के दौरान 43 मिलियन टन से अधिक का रिकॉर्ड गेहूं खरीदा।

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