नई दिल्ली। भारत में स्टार्टअप के लिए क्रेज पिछले कुछ सालों में बड़ी तेजी से बढ़ा है। जिसका नतीजा यह है की भारत आज इस मामले में दुनिया के कई बड़े देशों से काफी आगे बढ़ गया है। स्टार्टअप के जानकारों के अनुसार अभी तक भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप बनने के लिए कम से कम समय 6 महीने और अधिकतम समय 26 साल रहा है। वित्त वर्ष 2016-17 तक भारत में हर साल लगभग एक यूनिकॉर्न तैयार होता था लेकिन पिछले चार वर्षों में यानी वित्त वर्ष 2017-18 के बाद से यह संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न की संख्या में सालाना आधार पर 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
साल 2022 के पहले चार महीनों के दौरान ही भारत में 18.9 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 14 यूनिकॉर्न तैयार हो चुके हैं।
इस लिस्ट में ताजा एंट्री हुई ‘OPEN’ और Physicswallah की, जहां स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए नियो बैंकिंग प्लेटफॉर्म ‘ओपन’ ने आईआईएफएल के फंडिंग राउंड में 5 करोड़ डॉलर जुटाए और भारत की 100वीं यूनिकॉर्न बन गई है। हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था 'आज हमारे स्टार्टअप को दुनिया अपने भविष्य के तौर पर देख रही है। हमारे उद्योग और 'मेक इन इंडिया' वैश्विक विकास के लिए उम्मीद की किरण बन रहे हैं। हमें इन संकल्पों के लिए लक्ष्य बनाकर काम करना होगा। मैं चाहूंगा कि हमारे आध्यात्मिक केंद्र इसमें प्रेरणा के केंद्र बन'
सबसे दिलचस्प बात ये की भारत में दरअसल साल 2016 में स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत हुई थी, और इसके बाद से ही सरकार ने देश में स्टार्टअप के विकास को लेकर कई बड़े और अहम कदम भी उठाए, और इसी का नतीजा ये रहा की आज हमारे देश में कई स्टार्टअप न सिर्फ शुरू हुए बल्कि कईयों ने तो यूनिकॉर्न क्लब में शामिल होकर उभरते भारत के दमखम का डंका पूरी दुनिया में बजा दिया।
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