IEC 2022: टाइम्स नेटवर्क द्वारा आयोजित वार्षिक कार्यक्रम इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव (India Economic Conclave) के 8वें संस्करण में वेदांता (Vedanta) के चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) भी शामिल हुए। और इस मौके पर उन्होंने 'इंडिया: इंजन ऑफ ग्लोबल ग्रोथ' विषय पर टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार के साथ फायरसाइड चैट की।
अनिल अग्रवाल ने कहा कि, 'हम सपने बड़े देखते हैं, नहीं देखेंगे तो साकार कैसे होंगे। आज हिंदुस्तान भू-राजनीतिक परिस्थितियों में बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। हम शान्तिप्रिय लोग हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की ओर हर आदमी देख रहा है। बार-बार उनकी ओर देखा जा रहा है कि कैसे ये युद्ध रुके।' उन्होंने कहा कि, 'मैं 22 साल इंग्लैंड में रहा हूं और मैंने देखा है कि कैसे भारत कारोबार के लिए वैकल्पिक स्थान के रूप में उभरा है, जिस पर पूरी दुनिया की नजर है।
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भारतीय कर रहे हैं दुनिया की दिग्गज कंपनियों का नेतृत्व
आगे उन्होंने कहा कि, 'दुनिया में कई दिग्गज कंपनियों का नेतृत्व भारतीय करते हैं। भारतीय उनकी पहली पसंद हैं। दुनिया में अगर किसी म्यूचुअल फंड कंपनी का सीएफओ भारतीय है, तो उसका शेयर प्राइस बढ़ जाता है। जब ग्लोबल कंपनियों में भारतीय लीडर्स हैं, तो भारतीय कंपनियों को भारत के सीईओ क्यों नहीं चला सकते? भारत की जीडीपी 1200-1400 ईसवी में दुनिया में सबसे अधिक थी। हमने कभी पहले हमला नहीं किया। हम हमेशा शान्तिप्रिय रहे हैं। हमारे में टॉलरेंस की सीमा है।'
गरीबी हटाना और रोजगार बढ़ाना है अहम
मोदी जी ने कहा था कि हमारे आज ऐसी कोई चीज नहीं है जो हम नहीं बना सकते। हमारे पास गोल्ड का सबसे अधिक डिपॉजिट है। भारत के पास पोटौश, कॉपर और फर्टिलाइजर का भी सबसे ज्यादा डिपॉजिट है। मार्केट में बैंकों सहित हमारी 200 सरकारी कंपनियां लिस्टेड हैं। मेरे लिए गरीबी हटाना और रोजगार बढ़ाना अहम है।
दुनिया नहीं चाहती कि हम ऑयल और गैस का उत्पादन करें
भारत एनर्जी का 80-85 फीसदी आयात करता है। दुनिया नहीं चाहती कि हम ऑयल और गैस का उत्पादन करें। वो चाहती है कि हम इसका आयात करें। दूसरे देश 10 डॉलर में बनाकर हमें यह 110 डॉलर में बेचते हैं। हमारे पास ऑयल एंड गैस का 300 अरब बैरल का रिजर्व है। अकेले वेदांता ले पिछले 6 सालों में 3,60,000 करोड़ रुपये का टैक्स भरा है।
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