अगर IPL करार खत्म करने से चीनी कंपनी VIVO को फायदा हुआ, तो BCCI उठा सकता है ये कदम

क्रिकेट
भाषा
Updated Jul 01, 2020 | 19:15 IST

BCCI on chinese sponsorship in IPL: क्या अब चीनी स्पॉन्सर वीवी आईपीएल में ज्यादा दिन तक नहीं टिक पाएगा? क्या बीसीसीआई उससे अपना नाता तोड़ेगा, जानिए क्या कर सकता है बीसीसीआई।

BCCI speaks on IPL title sponsor chinese company VIVO
आईपीएल की टाइटल प्रायोजक चीनी कंपनी वीवो पर चर्चा तेज  |  तस्वीर साभार: IANS
मुख्य बातें
  • IPL का टाइटल स्पॉन्सर है वीवो
  • चीनी मोबाइल कंपनी है वीवो
  • चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर पूरे भारत में आवाज उठी

नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को कहा कि अगर ‘करार खत्म करने के नियम’ से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के टाइटल प्रायोजक विवो को फायदा होता है तो फिर बीसीसीआई के इस चीनी मोबाइल कंपनी से नाता तोड़ने की संभावना नहीं है लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इसकी समीक्षा के लिये इस लीग की संचालन परिषद की बैठक कब होगी।

पूर्वी लद्दाख में 15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद केंद्र सरकार ने विवादास्पद टिकटॉक सहित चीन के 59 ऐप को प्रतिबंधित कर दिया। बीसीसीआई ने 15 जून की घटना के तुरंत बाद कहा था कि आईपीएल प्रायोजकों की समीक्षा की जाएगी। आईपीएल संचालन परिषद की बैठक में भाग लेने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई से कहा, ‘हमें अब भी टी20 विश्व कप, एशिया कप की स्थिति के बारे में पता नहीं है तो फिर हम बैठक कैसे कर सकते हैं। हां, हमें प्रायोजन पर चर्चा करने की जरूरत है लेकिन हमने कभी रद्द या समाप्त करने जैसे शब्दों का उपयोग नहीं किया।’’

हम समीक्षा करेंगे

उन्होंने कहा, ‘‘हमने कहा कि हम प्रायोजन की समीक्षा करेंगे। समीक्षा का मतलब है कि हम करार के सभी तौर तरीकों की जांच करेंगे। अगर करार खत्म करने का नियम विवो के अधिक पक्ष में होता है तो फिर हमें 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के करार से क्यों हटना चाहिए? हम तभी इसे समाप्त करेंगे जब ‘करार खत्म करने का नियम’ हमारे पक्ष में हो।’’ यह पता चला है कि बीसीसीआई के कुछ पदाधिकारियों का विचार है जब तक विवो मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए खुद पीछे नहीं हटता तब तक बोर्ड को अनुबंध का सम्मान करना चाहिए। यह करार 2022 में समाप्त होगा।

बीसीसीआई को देना पड़ सकता है पर्याप्त मुआवजा

करार को अचानक समाप्त करने पर बीसीसीआई को पर्याप्त मुआवजा देना पड़ सकता है। इसके अलावा बीसीसीआई को कम समय में इतनी अधिक राशि का प्रायोजक मिलने की भी कोई गारंटी नहीं है क्योंकि विश्व अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित है। हालांकि पेटीएम (जिसमें अलीबाबा एक निवेशक है) या ड्रीम इलेवन, बाइजू और स्विगी (जिनमें चीनी वीडियो गेम कंपनी टेनसेंट का निवेश है) को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि वे भारतीय कंपनियां हैं।

कब होगी बैठक

आईपीएल के ट्विटर हैंडल पर 19 जून शुक्रवार को कहा गया था, ‘‘सीमा पर हुई झड़प, जिसके कारण हमारे वीर जवान वीरगति को प्राप्त हुए, को ध्यान में रखकर आईपीएल संचालन परिषद ने आईपीएल के विभिन्न प्रायोजन करार की समीक्षा के लिये अगले सप्ताह बैठक बुलायी है।’’

लेकिन लगभग दो सप्ताह के बाद भी यह बैठक नहीं हो पायी और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि संचालन परिषद के कम से कम दो सदस्यों ने पीटीआई को बताया कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। एक सदस्य ने कहा, ‘‘मैंने ट्वीट देखने के बाद आईपीएल चेयरमैन (बृजेश पटेल) और सीईओ (राहुल जोहरी) से बात की लेकिन अभी तक मुझे बैठक के बारे में कुछ नहीं बताया गया है। हो सकता है कि टी20 विश्व कप के आधिकारिक तौर पर स्थगित हो जाने के बाद वे बड़ी बैठक का आयोजन करना चाहते हों।’’

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