नई दिल्ली: टीम इंडिया के पूर्व स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। लक्ष्मण ने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेली, जो फैंस को बहुत अच्छी तरह पता होंगी। लक्ष्मण को भारतीय क्रिकेट में सर्वकालिक महान टेस्ट बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। लक्ष्मण ने अपने क्रिकेट करियर में 134 टेस्ट और 86 वनडे मैच खेले। टेस्ट में उन्होंने 45.97 के औसत से 8781 रन बनाए जिसमें 17 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। वहीं 86 वनडे में उन्होंने 2338 रन बनाए जिसमें छह शतक और 10 पचासे के साथ उनका औसत 30.76 था।
वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जमकर रन बनाए हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसी टीम के खिलाफ निकलकर आता था क्योंकि उस समय ऑस्ट्रेलिया शीर्ष टीम थी। लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सबसे ज्यादा 29 टेस्ट खेले और अपने करियर का पहला टेस्ट शतक भी इसी टीम के खिलाफ लगाया। वे सचिन के बाद इकलौते भारतीय बल्लेबाज हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2000 से ज्यादा रन (2334) बनाए हैं। उनके करियर के सबसे ज्यादा शतक (6) भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही लगे और विदेशों में भी सबसे ज्यादा शतक ऑस्ट्रेलिया में लगे।
बहरहाल, आज बर्थडे के मौके पर हम आपको वीवीएस लक्ष्मण के करियर की सबसे मजाकिया कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे याद करके आज भी उस टीम के क्रिकेटर्स अपनी हंसी नहीं छुपा पाते हैं। 2007 में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर गई थी। कैपटाउन में मुकाबला खेला जा रहा था। मैच के चौथे दिन भारतीय टीम को बल्लेबाजी करनी थी।
लक्ष्मण को सचिन तेंदुलकर के बाद बल्लेबाजी करने के लिए जाना था। मगर चौथे अंपायर ने कहा कि सचिन तेंदुलकर एक दिन पहले यानी तीसरे दिन फील्ड से 10 मिनट बाहर थे और इसलिए वह 10 मिटन से पहले मैदान पर बल्लेबाजी करने नहीं उतर सकते हैं। टीम इंडिया की शुरूआत भी खराब रही। ओपनर वसीम जाफर (2) और वीरेंद्र सहवाग (4) जल्दी-जल्दी आउट होकर पवेलियन लौट गए।
लक्ष्मण अपनी आदत के मुताबिक बल्लेबाजी के लिए जाने से पहले शॉवर ले रहे थे। लक्ष्मण को सबसे पहले हरभजन सिंह बुलाने आएं कि अगले नंबर पर आपको बल्लेबाजी के लिए जाना है। लक्ष्मण को लगा कि हमेशा की तरह हरभजन सिंह मजाक कर रहे होंगे। उन्होंने इस पर ध्यान नहीं दिया। वहां टीम इंडिया का दूसरा विकेट गिर गया था। सचिन तेंदुलकर बल्लेबाजी करने जा नहीं सकते थे, तो लक्ष्मण का नंबर था, जो खुद शॉवर में थे।
भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में माहौल गड़बड़ा गया। राहुल द्रविड़ पिच पर खड़े होकर अगले बल्लेबाज का इंतजार करने लगे। टीम ने फटाफट सौरव गांगुली को तैयार किया और जोर देकर ग्राउंड पर बल्लेबाजी के लिए भेजा। गांगुली बल्लेबाजी के लिए तैयार नहीं थे। मगर लक्ष्मण की लेट लतीफी के कारण उन्हें बल्लेबाजी के लिए जाना पड़ा। किसी ने गांगुली को उनकी टी-शर्ट दी, तो किसी ने ट्राउजर दिया। एक और खिलाड़ी गांगुली का बल्ला लेकर आया तो दो खिलाड़ी उन्हें पैड पहनाने लगे।
सौरव गांगुली ने आउट होने से पहले 89 गेंदों में 46 रन की पारी खेली। लक्ष्मण ने बाहर आने के बाद पूछा कि क्या हुआ तो तब उन्हें पता चला कि उन्हें बल्लेबाजी पर जाना था।
इस कहानी के बारे में वीवीएस लक्ष्मण ने कहा था, 'सचिन तेंदुलकर मेरे से पहले बल्लेबाजी करने जाने वाले थे। चौथे अंपायर की गलती थी कि उसने पहले जानकारी नहीं दी कि तेंदुलकर 10 मिनट तक बल्लेबाजी के लिए नहीं जा सकता। मुझे जल्दबाजी का महसूस तब हुआ जब खुद सचिन तेंदुलकर ने आवाज लगाकर मुझे बाहर बुलाया। हरभजन हमेशा मस्ती-मजाक करता था, तो मुझे लगा कि वो फिर मेरी टांग खींच रहा है।'
वीवीएस लक्ष्मण के शॉवर लेने के कारण उस समय ड्रेसिंग रूम का माहौल जरूर गड़बड़ा गया था। मगर किसी ने लक्ष्मण को फटकार नहीं लगाई क्योंकि यह अनजाने में हुई गलती थी। लक्ष्मण की इस कहानी को याद करके आज भी भारतीय क्रिकेटर्स पेट पकड़-पकड़कर हंसते हैं। बहरहाल, भारतीय टीम को कैपटाउन टेस्ट में पांच विकेट की शिकस्त झेलनी पड़ी थी। दक्षिण अफ्रीका ने अपनी दूसरी पारी में 211 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया था।
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