नई दिल्ली: जुनून, दृढ़संकल्प और लड़ने की इच्छाशक्ति, यह सब सार्थक होते दिखा जब बांग्लादेश ने अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में गत चैंपियन भारत को मात देकर पहली बार खिताब जीता। अकबर अली के नेतृत्व में बांग्लादेश ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और विश्व कप खिताब जीतने वाली अपने देश की पहली टीम बनी। इतने बड़े मुकाबले में दबावमुक्त होकर बांग्लादेश ने खेला और पहली ही गेंद से उसके गेंदबाजों ने भारतीय ओपनर्स पर दबाव बनाया।
स्टार ओपनर यशस्वी जायसवाल को छोड़कर कोई भारतीय बल्लेबाज बांग्लादेश के अनुशासित गेंदबाजी आक्रमण के आगे टिक नहीं पाया। जायसवाल ने 88 रन की उम्दा पारी खेली, जिसकी मदद से भारत ने स्कोरबोर्ड पर 177 रन टांगे। बांग्लादेश ने सफल गेंदबाजी के बाद बल्ले से भी दमदार शुरुआत की। बांग्लादेशी ओपनर्स परवेज हुसैन ईमोन (47) और तानजिद हसन (17) ने 50 रन की साझेदारी की। मगर रवि बिश्नोई ने बाजी पलटने की कोशिश की और चार विकेट लेकर बांग्लादेश पर दबाव बना दिया।
बांग्लादेश की टीम बैकफुट पर थी, लेकिन कप्तान अकमल अली ने शानदार पारी खेलकर टीम की वापसी कराई और पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर अपनी टीम को ऐतिहासिक जीत दिलाई। बांग्लादेश ने अपना दिल बाहर निकालकर जीत दर्ज की। हालांकि, इस बात पर विश्वास करना थोड़ा मुश्किल होगा कि बांग्लादेश की ऐतिहासिक विश्व कप जीत का भारतीय कनेक्शन है। बांग्लादेश अंडर-19 टीम के कुछ खिलाड़ियों को पूर्व भारतीय ओपनर वसीम जाफर ने ट्रेनिंग दी है।
वसीम जाफर की भूमिका
वसीम जाफर को पिछले साल मीरपुर में बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) की हाई परफॉर्मेंस एकेडमी का बल्लेबाजी कोच नियुक्त किया गया था। उन्होंने एकेडमी में बांग्लादेश अंडर-19 टीम के कई खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दी, जिसमें कप्तान अकबर अली का नाम शामिल हैं। रणजी ट्रॉफी के बादशाह माने जाने वाले जाफर ने बांग्लादेशी कप्तान अली की जमकर तारीफ की थी। 10 बार के रणजी ट्रॉफी चैंपियन और टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भारतीय घरेलू क्रिकेट की रन मशीन मानी जाती है।
जाफर ने अपना बल्लेबाजी अनुभव युवाओं को दिया और इसका असर विश्व कप में नतीजे पर दिखा। जाफर के हवाले से टेलीग्राफ ने कहा था, 'अकबर अली बहुत सक्रिय था जब भारत बल्लेबाजी कर रही थी। उसने फाइनल में टीम का अच्छे से नेतृत्व किया। अकबर ने अंडर-14 और अंडर-16 टीमों का नेतृत्व भी किया है। उन्होंने इन टीमों की कप्तानी करने में काफी समय बिताया है। आप समय के साथ सुधरते जाते हो। जितना ज्यादा आप कप्तानी करते हो, उतना ज्यादा सीखते हो। उनकी चतुराई उन्हें अलग बनाती है।'
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