रोजमर्ता की जिंदगी हो या फिर खेलों की दुनिया अजब संयोग कहीं भी देखने को मिल सकता है। क्रिकेट भी इससे अछूता नहीं है। क्रिकेट इतिहास में कई हैरान कर देने वाले इत्तेफाक हुए हैं, जिनपर आसानी से यकीन नहीं होता। आइए आपको ऐसे ही दिलचस्प इत्तेफाक के बारे में बताते हैं, जो दो दशक पहले देखने को मिला था। दरअसल, भारतीय टीम के लिए दो रॉबिन सिंह नाम के क्रिकेटर खेल चुके हैं। एक पूर्व धाकड़ ऑलरांडर रॉबिन सिंह हैं, जिन्होंने कई कारनामे अंजाम दिए। वहीं, दूसरे रॉबिन सिंह जूनियर हैं, जो तेज गेंदबाज थे।
दोनों सिर्फ डेब्यू टेस्ट ही खेल सके
ऑलराउंडर रॉबिन सिंह ने भारत के लिए अपने करियर का आगाज 1989 में वनडे मैच से किया। लेकिन उन्हें टेस्ट डेब्यू का मौका 1998 में जाकर मिला। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ पहला टेस्ट खेला पर छाप नहीं छोड़ सके। इसके बाद उन्होंने टेस्ट से बाहर कर दिया गया। वहीं, अगले साल यानी 1999 में तेज गेंदबाज रॉबिन सिंह को टेस्ट में पदार्पण का मौका मिला। उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में 3 विकेट चटकाए, लेकिन उनका अंततराष्ट्रीय करियर परवान ही चढ़ सका। अजब संयोग है कि दोनों ही रॉबिन अपने करियर में सिर्फ एक ही टेस्ट मैच खेल और कभी सबसे लंब फॉर्मेट की टीम में वापसी नहीं कर पाए।
ऑलराउंडर रॉबिन ने 136 वनडे खेले
ऑलराउंडर रॉबिन ने टेस्ट से बाहर होने के बाद भी कई अंतरराष्ट्रीय वनडे मुकाबले खेले। उनका अंतरराष्ट्रीय करियर 2001 में समाप्त हुआ। उन्होंने अपना आखिरी वनडे इंदरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला। उन्होंने 136 वनडे मैचों में 25.96 की औसस से 2336 रन बनाए। उन्होंने एक शतक और 9 अर्धशतक लगाए। उन्होंने 4.8 इकोनॉमी रेट से गेंदबाजी करते हुए अपनी झोली में 69 विकेट चटकाए। दूसरी ओर रॉबिन सिंह जूनियर की बात करें तो वह टेस्ट से बाहर होने के बाद कभी किसी अंतरराष्ट्रीय मैच में मैदान पर नहीं उतर सके।
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