लंदन: कोविड-19 महामारी ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया हुआ है। हजारों वैज्ञानिक इस महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन की खोज में जुटे हैं लेकिन बिगड़ते आर्थिक हालातों को भी नजरअंदाज करना मुश्किल हो चुका है इसलिए कुछ चीजों को सामान्य करना मजबूरी बन चुकी है। खेल जगत में भी सभी गतिविधियां दुनिया भर में ठप्प पड़ी हैं और इससे भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। ऐसे में इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने बीच का रास्ता खोजने का मन बनाया है और उनके इस प्लान को खिलाड़ियों का साथ भी मिलने लगा है। इंग्लिश क्रिकेटर मार्क वुड ने समर्थन दिया है।
ये है ईसीबी का प्लान
इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) खिलाड़ियों को कुछ हफ्ते परिवार से दूर रखते हुए सभी एहतियातों को बरतने के साथ क्रिकेट शुरू करने की योजना पर चर्चा कर रहा है। क्योंकि इंग्लैंड को जुलाई से दो महीने से अधिक समय तक छह टेस्ट, छह एकदिवसीय मैच और छह टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं। उस वेस्टइंडीज और पाकिस्तान के खिलाफ तीन–तीन टेस्ट मैचों की दो सीरीज खेलनी हैं। महामारी के कारण इंग्लिश क्रिकेट का सत्र एक जुलाई से पहले शुरू नहीं हो पाएगा। वेस्टइंडीज के खिलाफ श्रृंखला जून में शुरू होनी थी लेकिन उसे पहले ही आगे खिसका दिया गया है। ईसीबी की प्राथमिकता पुरुष अंतरराष्ट्रीय मैचों का आयोजन कराना है क्योंकि अनुमानों के अनुसार अगर पूरा सत्र खराब होता है तो उसे 38 करोड़ पाउंड का नुकसान होगा।
मैं 9 हफ्ते परिवार से दूर रहने को तैयार
इंग्लैंड के तेज गेंदबाज मार्क वुड ने कहा है कि अगर ईसीबी अंतरराष्ट्रीय सीरीज शुरू कराने का फैसला लेता है तो वो अपने परिवार से दूर इंग्लैंड टीम के साथ दो महीने से अधिक का समय बिताने के लिये तैयार हैं। आम घरेलू सत्र में इंग्लैंड के खिलाड़ी अपने परिवारों के साथ रह सकते हैं लेकिन वुड ने कहा कि जो प्रस्ताव है वह किसी विदेश दौरे के कार्यक्रम से भिन्न नहीं है। उन्होंने गुरुवार को कान्फ्रेंस कॉल के जरिये पत्रकारों से कहा, ‘‘मैं ऐसा करने के लिये तैयार हूं। लंबे समय तक विदेश दौरों पर रहने के कारण आपको इसकी आदत पड़ जाती है। ये मुश्किल होगा लेकिन जब तक पूरा वातावरण सुरक्षित है, मेरा परिवार सुरक्षित है और वहां रहने वाला हर व्यक्ति सुरक्षित है तो मैं ऐसा करना पसंद करूंगा।’' लॉकडाउन में वुड अभी अपनी पत्नी और बेटे के साथ में रह रहे हैं।
सवाल यहां पर ये भी है कि क्या आईसीसी और देश की सरकार ईसीबी को ये कदम उठाने की छूट देगा? क्योंकि इंग्लैंड की बात करें तो वहां कोरोना से भयानक रूप लिया हुआ है। वहां अब तक 2 लाख से ऊपर लोग संक्रमित हो चुके हैं और 30 हजार से ऊपर लोगों की जान चुकी है। कोविड-19 के केस वहां थमने का नाम नहीं ले रहे हैं, ऐसे में किसी भी खेल गतिविधि को शुरू करना कितना सही होगा इस पर गंभीर रूप से चर्चा होनी जरूरी है।
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