नई दिल्ली: भारतीय अंडर-19 क्रिकेट में राहुल द्रविड़ की भूमिका बहुत बड़ी है। उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम 2016 आईसीसी अंडर-19 विश्व कप की फाइनलिस्ट रही जबकि 2018 में पृथ्वी शॉ की कप्तानी में वह चौथी बार चैंपियन बना। इस बार प्रियम गर्ग के नेतृत्व में भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में अपने खिताब की रक्षा करने के लिए जी-जान लगा रही है। भारतीय अंडर-19 टीम लगातार तीसरी बार आईसीसी अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंच गई है। इस बार युवा ब्रिगेड के साथ कोच के रूप में राहुल द्रविड़ नहीं बल्कि पारस म्हाब्रे हैं।
अंडर-19 टीम के साथ नहीं होने के बावजूद राहुल द्रविड़ ने युवा क्रिकेटरों से जुड़ने का एक नया तरीका खोज लिया। उन्होंने एक वीडियो जारी करके युवाओं में विश्वास भरा। भारतीय टीम के ओपनर यशस्वी जायसवाल द्रविड़ के आभारी हैं कि उन्होंने काफी प्रेरणादयक शब्दों का इस्तेमाल करके युवाओं में जोश भरा। खब्बू बल्लेबाज ने साथ ही म्हाब्रे को पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच से पहले एकजुट रखने का श्रेय दिया।
इंडियन एक्सप्रेस ने जायसवाल के हवाले से कहा, 'पारस म्हाब्रे सर ने भरोसा दिलाया कि टीम का प्रत्येक सदस्य पाकिस्तान के खिलाफ मैच को अन्य मैचों की तरह ही समझकर खेले। हमने राहुल द्रविड़ सर का एक छोटा वीडियो देखा, जिन्होंने हमें प्रोत्साहित किया और उनके शब्दों ने हमारी काफी मदद की। उन्होंने कहा कि ध्यान रहे कि क्रिकेट उन 22 यार्ड पर खेला जाता है। इसे भी अन्य मैचों की तरह समझकर खेले और मैच पर अपना पूरा ध्यान लगाएं।'
भारतीय अंडर-19 टीम ने विश्व कप के हाई वोल्टेज सेमीफाइनल में दमदार प्रदर्शन किया और चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 10 विकेट से मात दी। टीम इंडिया को 173 रन का लक्ष्य मिला था, जिसे हासिल करने के लिए उसे ज्यादा पसीना नहीं बहाना पड़ा। भारतीय ओपनर्स यशस्वी जायसवाल और दिव्यांश सक्सेना ने 35.2 ओवर में यह लक्ष्य हासिल किया। पाकिस्तान ने 6 गेंदबाजों के साथ विकेट लेने का भरसक प्रयास किया, लेकिन किसी के हाथ सफलता नहीं लगी।
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