नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज उमेश यादव के करियर में कई उतार-चढ़ाव रहे हैं। वो उन खिलाड़ियों में हैं जिनका टीम से अंदर-बाहर होने का सिलसिला हमेशा ही जारी रहा है। उमेश को अंदाजा है कि भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल होने के लिए प्रतिभशाली खिलाड़ियों की लंबी फेहरिस्त हमेशा तैयार रहती है और इस कड़ी प्रतिस्पर्धा में मौका मिलना आसान नहीं होता। हालांकि फिर भी टीम से बाहर रहते हुए नकारात्मक विचारों को दूर रखना आसान नहीं होता।
उमेश को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू श्रृंखला से पहले भारतीय टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था लेकिन जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने के कारण उन्हें टीम में जगह मिल गयी। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो टेस्ट में 11 और बांग्लादेश के खिलाफ 12 विकेट लेकर मौके का पूरा फायदा उठाया। उमेश ने टीम से बाहर रहने के अनुभव को बयां करते हुए कहा, ‘जब आप बाहर होते हैं तो वह समय काफी बोरियत भरा होता है तथा कुछ ऐसे विचार आपके दिमाग में घर करने लगते हैं जिनसे आप दूर रहना चाहते हो। मैं क्यों नहीं खेल रहा हूं? क्या हो रहा है? खुद को सकारात्मक बनाये रखना, कड़ी मेहनत करना और खुद को तैयार रखना मुश्किल होता है।’
आखिर एक समय में कौन तीन तेज गेंदबाज खेलेंगे?
उमेश ने आगे कहा, ‘मैं जानता था कि अगर मैं फिट रहा तो मुझे मौका मिलेगा क्योंकि हमने कई मैच खेलने हैं। आपको इंतजार करना होगा क्योंकि तेज गेंदबाजी आक्रमण वास्तव में अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।’ तेज गेंदबाजी आक्रमण में बुमराह, इशांत शर्मा ओर मोहम्मद शमी भी शामिल हैं और यादव ने कहा कि वह इसमें फिट बैठते हैं तथा कार्यभार संबंधी प्रबंधन से सुनिश्चित है कि हर किसी को पर्याप्त मौके मिलेंगे।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी चार अब उस स्तर पर हैं जहां आप भविष्यवाणी नहीं कर सकते हो कि एक समय में कौन तीन खेलेंगे। ऐसा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के कारण है। मैं इसे बहुत अच्छी बात मानता हूं कि हम खिलाड़ियों को रोटेट कर रहे हैं क्योंकि इससे हम लंबे समय तक खेल में बने रहेंगे और अधिक मैच विजेता प्रदर्शन करेंगे।’ उमेश ने कहा, ‘‘जो भी अच्छा प्रदर्शन करेगा वह टीम का हिस्सा होगा। सबसे महत्वपूर्ण मौकों का पूरा फायदा उठाना है। जब मैं बुमराह, इशांत और शमी को देखता हूं तो उनसे सीखने की कोशिश करता हूं। सीखना कभी रुकता नहीं है।’
विदेश में असफलता पर होती हैं टिप्पणी
उमेश घरेलू जमीन पर तो अच्छा प्रदर्शन करते हैं लेकिन विदेशी जमीन पर वो ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाते हैं जिस वजह से आलोचक उन पर हावी होते हैं। इस पर उमेश ने कहा, ‘अमूमन जिन परिस्थितियों में आप अधिक खेलते हो आपको उनके बारे में अधिक पता होता है और आप अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल करते हो। हां मैं इस धारणा से सहमत हूं कि कोई खास गेंदबाज भारतीय या एशियाई परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करता है। लेकिन अगर आप इंग्लैंड की परिस्थितियों में अधिक मैच खेलोगे तो वहां भी अच्छा प्रदर्शन करोगे। उपमहाद्वीप से बाहर इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में मैंने बहुत कम मैच खेले हैं। मैंने केवल ऑस्ट्रलिया में कुछ टेस्ट मैच खेले हैं। इसलिए शायद ऐसी धारणा बनी क्योंकि कम मैच का मतलब है कि आपके नाम पर विकेट भी कम होंगे।’
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