नई दिल्ली (शिवम् अवस्थी)। तारीखें और आंकड़े। ये दोनों ही चीजें क्रिकेट के खेल में बहुत महत्व रखती हैं। तारीखों से इतिहास के दिलचस्प किस्से सिखाते भी हैं और रोमांचित भी करते हैं जबकि आंकड़ों से खेल के स्तर और खिलाड़ियों की सफलताओं का अंदाजा लग जाता है। तारीखों की बात करें तो क्रिकेट इतिहास में आज की तारीख (24 जुलाई) भी एक दिलचस्प किस्से की गवाह रही है।
आज से 89 वर्ष पूर्व 1931 में इसी तारीख को क्रिकेट के जनक इंग्लैंड की जमीन पर कुछ ऐसा हुआ था जिसे देखकर सब हैरान रह गए थे। नॉटिंघमशायर और वॉरविकशायर के बीच खेले गए प्रथम श्रेणी क्रिकेट मैच में एक बाप-बेटे की जोड़ी ने हैरान करने वाला रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कराया था। नॉटिंघमशायर के जॉर्ज गन उस समय 52 साल के थे जबकि उनके पुत्र जॉर्ज वर्नोन गन भी उसी टीम का हिस्सा थे जिनकी उम्र 26 वर्ष थी।
जाहिर तौर पर सभी क्रिकेट फैंस के लिए बाप-बेटे की जोड़ी को एक ही मैच में उतरते देखना कोई आम बात नहीं थी। सब उस लम्हे का गवाह बनना चाहते थे। मैदान भी खचाखच भरा था। 52 वर्षीय जॉर्ज गन से दर्शक वाकिफ थे क्योंकि वो उस समय इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर थे लेकिन उनके बेटे का धमाल देखना बाकी था। ये इत्तेफाक था कि वो दोनों साथ ही मैदान पर उतरने जा रहे थे। खैर, बाप-बेटे की ये जोड़ी जब पिच पर उतरी तो उसने ना सिर्फ दर्शकों को एक लाजवाब नजारा दिखाया बल्कि रिकॉर्डतोड़ खेल भी दिखा दिया। दरअसल, दोनों ने शतक जड़ दिए। पिता जॉर्ज गन ने 183 रनों की पारी खेली जबकि उनके बेटे ने नाबाद 100 रनों की पारी खेलकर दिल जीत लिया।
आजकल 52 साल की उम्र तक क्रिकेट खेलने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता लेकिन उस समय जॉर्ज गन ने ऐसा कर दिखाया था। उन्होंने 1907 और 1930 के बीच इंग्लैंड के लिए 15 टेस्ट मैच खेले और 1120 रन बनाए। जॉर्ज गन ने 643 फर्स्ट क्लास मैच खेले जिसमें उन्होंने 35,208 रन बनाए। इस दौरान उनके बल्ले से 62 सेंचुरी और 194 पचासे निकले। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उनका सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर नाबाद 122 रनों का था, वहीं प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनकी सबसे बड़ी इनिंग 220 रन की रही थी। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में 66 विकेट भी झटके थे। जॉर्ज के बेटे की चर्चा करें तो उन्हें राष्ट्रीय टीम से खेलने का मौका तो नहीं मिला लेकिन उन्होंने 22 साल तक काउंटी क्रिकेट में जबरदस्त क्रिकेट खेली। जॉर्ड वर्नोन गन की मृत्यु 52 साल की उम्र में हो गई थी।
बेशक 'गन' पिता-पुत्र की जोड़ी ने 24 जुलाई 1931 को जो किया था वो बेहद खास था और वैसा नजारा फिर कभी नहीं दिखा लेकिन क्रिकेट जगत में कई और ऐसी बाप-बेटे की जोड़ियां रह चुकी हैं जिन्होंने एक ही दौर में साथ क्रिकेट खेला। इसमें 'ग्रेस' बाप-बेटे की क्रिकेटर जोड़ी सबसे यादगार रही। क्रिकेट के पिता (फादर ऑफ क्रिकेट) के नाम से मशहूर रहे डब्ल्यूजी ग्रेस और उनके बेटे ने लगभग 46 बार एक साथ क्रिकेट खेलने का रिकॉर्ड बनाया था। हैरान करने वाली बात ये रही कि इस जोड़ी में बेटा पहले रिटायर हो गया जबकि पिता ने बाद में संन्यास लिया था। आज के दौर में ऐसा कुछ देखने की उम्मीद भी मत कीजिएगा।
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