लंदन: इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस ने स्वीकार किया कि उन्होंने केविन पीटरसन के मुद्दों को ठीक तरह से नहीं सुलझाया था और इस आक्रामक बल्लेबाज को अनुशासन का पूरी तरह से पालन नहीं करने के बाद भी मौका मिलना चाहिए था। स्ट्रॉस ने हालांकि कहा कि वह इस बात को अच्छी तरह समझते है कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिलाड़ियों के लिए क्यों जरूरी है, लेकिन अगर वे टेस्ट क्रिकेट की जगह आईपीएल को प्राथमिकता देंगे तो इससे गलत उदाहरण पेश होगा।
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की आईपीएल नीति को लेकर स्ट्रॉस और पीटरसन में काफी विवाद हुआ था। स्ट्रॉस ने स्काई स्पोर्ट्स से कहा, 'आईपीएल को लेकर केपी (पीटरसन) के साथ मेरी हमेशा सहानुभूति रही है। मुझे समझ में आ गया था कि आईपीएल में दुनिया भर के बड़े खिलाड़ी एक साथ खेलते है और वहां खिलाड़ियों को बड़ी रकम दी जाती है।'
खास बात यह है कि जब स्ट्रॉस ईसीबी के 'क्रिकेट के निदेशक' बने थे तो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाड़ियों के लिए आईपीएल में भाग लेने के लिए एक खास कार्यक्रम तैयार किया था जिसकी पीटरसन ने सबसे लंबे समय तक वकालत की थी। उन्होंने कहा, 'मुझे काफी लंबे समय तक लगता था कि आईपीएल के लिए विंडो की जरूरत है। मैंने ईसीबी से कहा था कि हम एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते क्योंकि यह टीम के लिए बड़ी समस्या बन जाता।'
पूर्व कप्तान ने कहा, 'इसके साथ ही मुझे यह भी लगा कि टेस्ट क्रिकेट को छोड़कर खिलाड़ी को आईपीएल में खेलने की छूट देने काफी खतरनाक है। इससे आप युवा खिलाड़ियों को यह सीख दे रहे कि आईपीएल टेस्ट क्रिकेट से ज्यादा जरूरी है।' स्ट्रॉस ने कहा कि उन्होंने पीटरसन को कई बार समझाया था कि टेस्ट क्रिकेट ज्यादा जरूरी है।
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