लखनऊ : कानपुर मुठभेड़ मामले में यूपी पुलिस की ओर से बड़ी कार्रवाई हुई है। हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के करीबी सहयोगी मुठभेड़ में मारे गए हैं। इनमें से एक प्रशांत मिश्रा है। मामले में पुलिस ने प्रशांत मिश्रा को बुधवार को गिरफ्तार किया था। वह पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था जिसके बाद पुलिस ने उस पर गोली चलाई। प्रशांत पनकी थाना क्षेत्र के भौती बाईपास के पास पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया। वहीं, विकास दुबे के राइट हैंड और गनर बहुआ दुबे की एनकाउंटर में मारा गया है।
एडीजी कानपुर ने बताया कि कानपुर लाए जाते समय पुलिस का वाहन सड़क किनारे पड़े से टकरा गया। इस दौरान मौके का फायदा उठाकर प्रशांत ने पुलिसकर्मियों से पिस्टल छीनकर उन पर फायरिंग कर दी और इसके बाद उसने भागने की कोशिश की। इस पर पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान मुठभेड़ में प्रशांत मारा गया। मुठभेड़ में कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं।
एसएसपी इटावा विकास दुबे ने बताया कि बहुआ बिकरू गांव में मुठभेड़ वाली रात विकास के साथ मौजूद था। उसके पास से हथियार बरामद हुए हैं। बहुआ के सिर पर 50 हजार रुपए का इनाम था। विकास दुबे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। उसे दबोचने के लिए पुलिस की टीम लगातार दबिश दे रही हैं।
फरीदाबाद से लाते समय भागने की कोशिश की
इस बीच यूपी के एडीजी लॉ एंंड ऑर्डर ने बताया कि गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में से एक प्रशांत मिश्रा मारा गया है। उसने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उस पर गोली चलाई। इसके पहले कानपुर रेंज के आईजी ने बताया है कि मामले में बुधवार को गिरफ्तार तीन लोगों में से एक ने कानपुर लाए जाते समय पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की। उसे रोकने के लिए पुलिस ने उसके पैर पर गोली चलाई। घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया है।
फरीदाबाद में हुई इनकी गिरफ्तारी
पुलिस अधिकारी ने बताया कि हरियाणा की जिला अदालत ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर यूपी पुलिस को सौंपा है। बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करने वाला विकास दुबे अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। वह मंगलवार शाम को अंतिम बार फरीदाबाद में देखा गया लेकिन इसके बाद से उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
सरेंडर करने की फिराक में है विकास
ऐसी रिपोर्टें हैं कि वह कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में है लेकिन यूपी पुलिस उसे दबोचने के लिए अदालतों के समीप अपनी निगरानी कड़ी कर दी है। बताया जा रहा है कि वह अपने एक रिश्तेदार के घर छिपने के लिए फरीदाबाद आया था। यहां वह एक होटल भी गया। होटल के सीसीटीवी फुटेज में दिखे व्यक्ति को विकास दुबे बताया जा रहा है।
विकास के गुर्गों पर शिकंजा कसा
विकास भले ही यूपी पुलिस की पकड़ से अभी बाहर है लेकिन उसके गैंग एवं गुर्गों पर शिकंजा कसता जा रहीा है। बुधवार को पुलिस मुठभेड़ में विकास का करीबी सहयोगी अमर दुबे मारा गया। बिकरू गांव में गत दो जुलाई की रात आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने जो अपराधियों की सूची तैयार की है उस सूची में सबसे ऊपर अमर दुबे का नाम था। घटना वाली रात अमर अपने रिश्तेदार विकास के साथ था। अमर भी विकास की तरह वांछित अपराधी था और उसके सिर पर 25 हजार का इनाम घोषित था।
चौबेपुर का एसओ गिरफ्तार
इस बीच मुखबिरी के शक में पहले निलंबित किए गए चौबेपुर थाना के प्रभारी रहे विनय तिवारी और बीट कॉन्स्टेबल केके शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कानपुर के एसएसपी दिनेश प्रभु का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और के के शर्मा ने छापे से पहले विकास दुबे को जानकारी दी थी। बिकरू गांव में पुलिस टीम की होने वाली दबिश की जानकारी विकास को पहले हो गई थी। पुलिस की रेड के बारे में पता चल जाने के बाद विकास ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर हमले की साजिश रची।