नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में कोरोना वायरस से पैदा हुए हालातों पर चर्चा करने के लिए दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक की। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बसपा के नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद बाहर आए दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि बीजेपी ने मांग की कि टेस्टिंग पर 50% शुल्क माफ किया जाना चाहिए। इस मांग को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंजूरी दे दी है। इससे ये समझा जा सकता है कि अब दिल्ली में प्राइवेट लैब में टेस्टिंग सस्ती हो जाएगी।
आदेश गुप्ता ने कहा, 'गृह मंत्री ने कहा कि 20 जून तक दिल्ली सरकार प्रति दिन 18000 टेस्ट करेगी और कंटेनमेंट जोन में घर-घर जाकर ट्रेसिंग और मेपिंग होगी। साथ ही15 दिन के बाद 500 और रेलवे कोच उपलब्ध हो जाएंगे। जिससे दिल्ली में 37000 बेड दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और रेलवे कोच को मिलाकर होंगे।'
'निजी अस्पतालों में होगा मूल्य निर्धारण'
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने सुझाव दिया कि निजी अस्पतालों में कोविड-19 के इलाज पर खर्च होने वाली रकम तय होने चाहिए। मामले का संज्ञान लेते हुए गृह मंत्री ने एक समिति गठित की है जो 2 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। रिपोर्ट के आधार पर निजी अस्पतालों के लिए मूल्य निर्धारण किया जाएगा।
'दिल्ली में बढ़ाए जाएंगे बेड'
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बैठक से बाहर आने के बाद कहा, 'राज्य सरकार के अस्पताल में 1900 बेड और केंद्र सरकार के अस्पताल में 2000 बेड बढ़ाने का प्रस्ताव आया है। निजी अस्पताल में 1,178 बेड बढ़ेंगे। 500 कोच के जरिए 8,000 बेड, आने वाले दिनों में 500 कोच और लेकर 16,000 बेड बढ़ाने की बात कही गई।'
वहीं दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी ने कहा, 'गृह मंत्री ने स्वीकार किया है कि टेस्टिंग का अधिकार सभी को होना चाहिए और सभी देशों में टेस्टिंग और ट्रेसिंग पॉलिसी के माध्यम से ही उपचार संभव है और उन्होंने आश्वासन दिया है कि एक नई ट्रेसिंग पॉलिसी के तहत सभी को टेस्टिंग का अधिकार होगा।'
दिल्ली सरकार कौन सा खेल खेल रही है?: कांग्रेस
चौधरी ने कहा कि केजरीवाल ने कोरोना वरियर्स के परिजनों के लिए 1 करोड़ रुपए का मुआवजा प्रदान करने की घोषणा की थी। लेकिन वह मुआवजा अभी तक प्रदान नहीं किया गया है। हमने अनुरोध किया है कि मुआवजा तुरंत प्रदान किया जाए ताकि वे अपना मनोबल न खोएं। मुख्यमंत्री भ्रम फैला रहे हैं और निजी अस्पतालों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हमने गृह मंत्री को साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, उन्होंने जांच के लिए इसे हेल्थ सेक्रेटरी को भेजा है। 2609 बिस्तरों वाले 3 बड़े अस्पतालों का निर्माण दिसंबर 2019 तक पूरा हो जाना चाहिए था। दिल्ली सरकार कौन सा खेल खेल रही है?
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