दिल्ली में सार्वजनिक तौर पर छठ पूजा को मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में डीडीएमए ने अहम फैसला किया है। बता दें कि इस विषय पर बीजेपी ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा। उत्तर पूर्व दिल्ली से सांसद मनोज तिवारी ने कहा था कि छठ पूजा की इजाजत ना देकर पूर्वांचली समाज का अपमान किया जा रहा है। इस विषय पर डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री को लेकर गाइडलाइंस बनाने का आग्रह किया। लेकिन बीजेपी ने कहा कि त्योहारों को लेकर पहले से ही गाइडलाइन है। उसके बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने एलजी अनिल बैजल ने नियमों में छूट की अपील की थी।
डीडीएमए की बैठक में फैसला
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीडीएमए की आज की बैठक में फैसला किया गया कि दिल्ली में छठ पूजा की इजाजत दी जाएगी. यह सरकार द्वारा पहले से तय किए गए स्थानों पर बहुत सख्त प्रोटोकॉल के साथ किया जाएगा। COVID प्रोटोकॉल के पालन के साथ सीमित संख्या में लोगों को अनुमति दी जाएगी।
दिल्ली में यमुना घाट समेत किसी भी सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं किए जाने का ऐलान हुआ था। उस समय उपराज्यपाल की अध्यक्षता वाली दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने छठ पूजा को लेकर निर्देश जारी किए थे। डीडीएमए ने फैसले के पीछे कोविड के मौजूदा हालात को बताया था। डीडीएमए ने लोगों को सलाह दी थी कि वह अपने घर पर ही सुरक्षित तरीके से छठ पूजा मनाएं।
कोविड निवारक उपाय 15 नवंबर तक लागू
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि कोरोना वायरस के खतरे की वजह से सार्वजनिक स्थानों, नदी किनारे और मंदिरों आदि में छठ पूजा उत्सव अनुमति नहीं होगीष। जनता को सलाह दी गई थी कि छठ पूजा घरों में मनाएं। दिल्ली में कोविड निवारक उपाय 15 नवंबर तक प्रभावी है। पिछले साल भी दिल्ली सरकार ने छठ पूजा मानने पर रोक लगा दी थी।
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