बयान से पलटे जावड़ेकर, बोले-अरविंद केजरीवाल को कभी आतंकवादी नहीं कहा

Prakash javadekar : केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने कभी भी केजरीवाल को आतंकवादी नहीं कहा। दिल्ली चुनाव में भाजपा की हार हुई है।

Never said Arvind Kejriwal is a terrorist : Prakash javadekar
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा-हम अपनी हार की समीक्षा करेंगे।   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • 11 फरवरी को आए दिल्ली चुनाव 2020 के नतीजे, AAP को मिलीं 60 सीटें
  • 16 फरवरी को रामलीला मैदान में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे कजरीवाल
  • एक संवाददाता सम्मेलन में जावड़ेकर ने केजरीवाल को 'आतंकवादी' बताया था

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 'आतंकवादी' कहने से इंकार किया। जावड़ेकर ने कहा कि उन्होंने कभी भी केजरीवाल को 'आतंकवादी' नहीं किया। एक संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने कहा, 'अरविंद केजरीवाल आतंकवादी हैं, मैंने कभी ऐसा नहीं कहा...दूसरी बात यह है कि दिल्ली चुनाव के रिजल्ट में कांग्रेस की बुरी हार हुई है।'

बता दें कि पिछले सप्ताह चुनाव प्रचार के दौरान एक संवाददाता सम्मेलन में जावड़ेकर ने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता आतंकवादी हैं और इसे साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। जावड़ेकर ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 26 प्रतिशत वोट मिले लेकिन इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में उसका वोट प्रतिशत सिमटकर 4 प्रतिशत पर आ गया।' जावड़ेकर के आतंकवादी वाले बयान पर केजरीवाल ने प्रतिक्रिया दी और उन्होंने दिल्ली की जनता से इसका जवाब दने के लिए कहा। केजरीवाल ने कहा कि वह आतंकवादी नहीं बल्कि दिल्ली का बेटा हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'हमने दिल्ली चुनाव में 42 प्रतिशत वोट की उम्मीद की थी लेकिन पार्टी को सिर्फ 39 प्रतिशत वोट ही मिल सके। हम अपनी हार की समीक्षा करेंगे। भाजपा अपनी प्रत्येक हार और प्रत्येक जीत से सीखती है।' कचरा प्रबंधन पर बात करते हुए जावड़ेकर ने कहा कि पुणे के कचरा प्रबंधन के लिए हमने एक मास्टर प्लान बनाने का फैसला किया है।

आप ने दर्ज की 2015 जैसी सफलता  
बता दें कि दिल्ली चुनाव में आम आदमी पार्टी की ऐतिहासिक जीत हुई है। आप ने 2015 की तरह प्रदर्शन दोहराते हुए विधानसभा की 70 सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की। 2015 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल की पार्टी ने 67 सीटों पर जीत दर्ज की। इस चुनाव में कांग्रेस एक बार फिर कोई सीट जीत नहीं पाई। जबकि भाजपा ने आठ सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले चुनाव में भाजपा को 3 सीटें मिली थीं। 

राष्ट्रीय बनाम स्थानीय मुद्दों में जंग
दिल्ली चुनाव में भाजपा ने शाहीन बाग के धरने को मुद्दा बनाकर केजरीवाल एवं कांग्रेस पर तीखा हमला किया। दिल्ली में राष्ट्रीय बनाम स्थानीय मुद्दों की जंग देखने को मिली। शाहीन बाग प्रदर्शन को देश-विरोधी बताते हुए भाजपा ने सीएए और अनुच्छेद 370 पर वोट मांगा तो केजरीवाल ने अपने चुनाव प्रचार में स्थानीय मुद्दों शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली और पानी को मुद्दा बनाया और सकारात्मक प्रचार किया।

कांग्रेस में नहीं दिखा उत्साह
दिल्ली चुनावों के दौरान कांग्रेस में कोई उत्साह देखने को नहीं मिला। पार्टी संगठन एवं पदाधिकारियों में चुनावों को लेकर उदासीनता देखने को मिली। यहां तक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने केवल दो रैलियां कीं। पार्टी इन चुनावों के लिए कितनी संजीदा थी इसका पता इस बात से भी चलता है कि कई सीटों पर उम्मीदवारों के नाम नामांकन के अंतिम दिन तय किए गए। दिल्ली में पार्टी के प्रचार के लिए नवजोत सिंह सिद्धू को आना था लेकिन उन्होंने भी इससे दूरी बना ली।

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