Covid-19: दिल्ली में अभी भी 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा बरकरार

Corona Threat in Delhi:दिल्ली सरकार के दूसरे सिरो सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा है कि अभी भी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

Out of 2 crore people of Delhi, 59 lakhs reduce the risk of doing according to Siro Survey Report
दिल्ली में अभी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोग हैं, जिनमें अभी तक हार्ड इम्युनिटी नहीं बनी है 
मुख्य बातें
  • अभी भी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है
  • दिल्ली की आबादी करीब 2 करोड़ है और उसी के मुताबिक सर्वे किया गया है
  • राजधानी दिल्ली में करीब 29.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज पाई है

नई दिल्ली: मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के साथ मिल कर दिल्ली सरकार की तरफ से किए गए दूसरे सिरो सर्वे की रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में करीब 29.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज पाई है, जबकि पहले सर्वे में करीब 22 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई थी। इसका अर्थ यह है कि दिल्ली में 29.1 प्रतिशत यानि करीब 59 लाख लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, लेकिन अभी भी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोगों में कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, सर्वे में 18 वर्ष से कम आयु के 25 प्रतिशत, 18 से 50 वर्ष के 50 और 50 वर्ष से उपर के 25 प्रतिशत लोगों को शामिल किया गया था। इनमें करीब 28.3 प्रतिशत पुरुषों और 32.2 प्रतिशत महिलाओं में एंटीबॉडीज मिली है। अगले महीने की एक तारीख से फिर से सर्वे शुरू किया जाएगा।

सतेंद्र जैन ने कहा, दिल्ली में दूसरा सिरोलॉजिक सर्वे कराया गया था। इसके लिए एक अगस्त से 7 अगस्त तक सैंपल लिए गए थे। इसकी रिपोर्ट आ गई है। पहले सिरोलॉजिकल सर्वे में 22 प्रतिशत लोगों ने एंटीबॉडीज पाई गई थी। एंटीबॉडीज का अर्थ यह है कि यह लोग कोरोना से संक्रमित होकर अब ठीक हो चुके हैं। इस बार दिल्ली के अंदर सिरोलॉजिकल सर्वे में 29.1 प्रतिशत लोगों में एंटीबॉडीज पाई गई है। यदि दिल्ली की आबादी 2 करोड़ मान लें, तो इसके मुताबिक करीब 59 लाख लोगों में एंटीबॉडीज बन चुकी हैं और वो लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं।

"यह सर्वे पूरी दिल्ली की आबादी को ध्यान में रख कर किया गया है"

स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने कहा, यह सर्वे पूरी दिल्ली की आबादी को ध्यान में रख कर किया गया है। दिल्ली की आबादी करीब 2 करोड़ है और उसी के मुताबिक सर्वे किया गया है। इस सर्वे में करीब 15 हजार सैंपल लिए गए थे। सर्वे में शामिल लोगों के 4 आयु वर्ग बनाए गए थे। 18 वर्ष से कम आयु वर्ग के 25 प्रतिशत लोगों को लिया गया। 18 से 50 वर्ष के आयु वर्ग के 50 प्रतिशत और 50 से उपर के आयु वर्ग के 25 प्रतिशत लोगों को लिया गया। अच्छी बात यह है कि 29 प्रतिशत लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं, लेकिन अभी लोग हार्ड इम्युनिटी के स्तर तक नहीं पहुंचे हैं, इसलिए जो लोग अभी बचे हुए हैं, उनको कोरोना के संक्रमण का डर बरकरार है।

 टी-सेल्स का जीवन काफी लंबा होता है

दिल्ली में अभी करीब 70 प्रतिशत से अधिक लोग हैं, जिनमें अभी तक हार्ड इम्युनिटी नहीं बनी है। सर्वे के अनुसार पुरुष करीब 28.3 प्रतिशत हैं और महिलाएं 32.2 प्रतिशत हैं, जिनमें एंटीबॉडीज मिली है। इस सर्वे से कम से कम हमें पता चल पा रहा है कि दिल्ली में कितने प्रतिशत लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक हो चुके हैं।18 वर्ष से कम उम्र वालों में एंटीबॉडीज का प्रसार सबसे ज्यादा 34.7 प्रतिशत मिला है। वहीं, 18 से 50 साल के लोगों में 28.5 और 50 साल से उपर वालों में 31.2 प्रतिशत प्रसार मिला है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, वैज्ञानिक बता रहे हैं कि शरीर में एंटीबॉडीज तीन-पांच महीनों से लेकर 7-8 महीने तक काफी संख्या में रहती हैं। इसके बाद धीरे-धीरे कम होनी शुरू हो जाती है। लेकिन इसके साथ ही शरीर में टी-सेल्स भी बनते हैं। टी-सेल्स का जीवन काफी लंबा होता है। इन्हें मेमोरी सेल भी कहते हैं। इसलिए अगर आपको एक बार कोरोना हो गया तो बहुत ही कम संभावना है कि आपको दोबारा कोरोना होगा।
 

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