सीबीएसई 12वीं टॉपर 2020: लखनऊ की दिव्यांशी जैन ने रचा इतिहास, सभी विषयों में हासिल किए 100/100

एजुकेशन
ललित राय
Updated Jul 13, 2020 | 17:23 IST

Divyanshi Jain, CBSE 12th Topper 2020: अगर आप को किसी एक विषय में पूरे के पूरे नंबर हासिल होते हैं। लेकिन लखनऊ की दिव्यांशी जैन को तो सभी विषयों में 100 अंक हासिल हुए हैं।

CBSE 12th Topper Divyanshi Jain from Lucknow created history, achieved 100/100 in all subjects
Divyanshi Jain, CBSE 12th Topper 2020: लखनऊ की दिव्यांशी जैन को सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में कामयाबी 
मुख्य बातें
  • लखनऊ की दिव्यांशी जैन को सभी विषयों में मिले 100 अंक
  • आर्ट्स के विषयों के साथ सीबीएसई की 12वीं परीक्षा में हुईं थीं शामिल
  • सीबीएसई ने इस साल मेरिट लिस्ट का ऐलान नहीं किया है।

Divyanshi Jain, CBSE 12th Topper 2020: केंद्रीय माध्यिमक शिक्षा बोर्ड यानि सीबीएसई ने 12वीं के नतीजे को घोषित कर दिया है। उन सभी छात्रों के चेहरे पर खुशी है जो बेहतरीन मार्क्स पाएं हैं। लेकिन लखनऊ की रहने वाली दिव्यांशी जैन की बात ही कुछ अलग है। दिव्यांशी ने 12वीं की परीक्षा में पूरे 600 अंकों में से 600 अंक हासिल किए। इसे कुछ इस तरह भी समझा जा सकता है जैसे उसने पूरे 100 फीसद अंक पाए। दिव्यांशी की कामयाबी पर उनके घर में खुशी का माहौल है तो बधाई देने वालों का तांता लग गया है। 

दिव्यांशी जैन (CBSE 12th Topper) का रिपोर्ट कार्ड

विषय हासिल अंक
इंग्लिश 100
संस्कृत 100
इतिहास 100
अर्थशास्त्र 100
भूगोल  100
इंश्योरेंस 100

इस तरह के नतीजे की उम्मीद नहीं थी
दिव्यांशी अपनी इस कामयाबी के बारे में बताती हैं कि उन्हें शत प्रतिशत नंबर पाने की उम्मीद नहीं थी।  दिव्यांशी की कामयाबी की खास बात यह है कि वो साइंस की छात्रा नहीं बल्कि आर्ट्स के विषयों में इतने अंक हासिल किए हैं।  आमतौर पर मानविकी के विषयों में शत प्रतिशत नंबर हासिल करना आसान नहीं होता है। दिव्यांशी का कहना है कि सतत तैयारी की वजह से इस तरह के नतीजे सामने आए हैं। वो अपने परीक्षा परिणाम से बेहद खुश हैं और आगे के सफर में भी इसी तरह से मेहनत करती रहेंगी। 



88.78 फीसद रहा रिजल्ट
2020 में सीबीएसई 12वीं का नतीजा 88.78 प्रतिशत रहा। पहले की तरह लड़कियों ने एक बार फिर लड़कों से बाजी मार ली। इस साल के नतीजों की खास बात यह है कि मेरिट लिस्ट नहीं जारी की गई है। इसके साथ ही फेल शब्द की जगह एशेंशियल रिपीट शब्द का इस्तेमाल हुआ है। जानकारों का कहना है कि इस शब्द को हटाए जाने की कवायद पहले से चल रही थी लेकिन अब जाकर क्रियान्वित हुआ है।

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