नई दिल्ली/देहरादून : कोरोना संकट को देखते हुए CBSE, CISCE के साथ-साथ कई राज्य बोर्ड ने भी 12वीं की परीक्षा रद्द करने की घोषणा की है। हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र्र्र, उत्तराखंड के बाद अब इसमें राजस्थान का नाम भी शामिल हो गया हे। इस बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने चेताया कि इस महामारी के कारण अगला शैक्षणिक सत्र भी प्रभावित हो सकता है और मार्च 2022 में छात्रों के मूल्यांकन के बारे में अभी से योजना बनाने की जरूरत है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने कहा, 'कोरोना वायरस संक्रमण से एक और शैक्षणिक सत्र प्रभावित हो सकता है। यह अगले साल के लिए योजनाओं पर आगे बढ़ने का समय है। मार्च 2022 में छात्रों के मूल्यांकन के बारे में अभी से योजना बनाना शुरू करना होगा।' उन्होंने कहा कि बिना तैयारी के फैसले लेने की आशंका से बचने के लिए अगले साल के लिहाज से पुख्ता योजना बनाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, 'वर्ष 2022 में 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों के मूल्यांकन की योजना पर टीम काम कर रही है। सीबीएसई और केंद्र को इस संबंध में सिफारिशें भेजी जाएंगी।' उन्होंने कोविड से बचाव के लिए छात्रों के वैक्सीनेशन पर भी जोर दिया और कहा कि परीक्षाएं हो या न हो, छात्रों के टीकाकरण की आवश्यकता के बारे में कोई दूसरा विचार नहीं हो सकता है।
कोरोना संकट के बीच अब तक जिन राज्यों ने 12वीं की बोर्ड परीक्षा रद्द करने का फैसला किया है, उनमें हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान शामिल है। कोविड महामारी को देखते हुए इन राज्यों ने परीक्षा रद्द करने और मूल्यांकन पर जल्द ही फैसला लिए जाने की बात कही है।
वहीं, हिमाचल प्रदेश ने इस मसले पर 5 जून तक फैसला लेने को कहा है, जबकि पश्चिम बंगाल ने इस पर एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है कि 12वीं की परीक्षा कोविड के इस माहौल में करवाई जा सकती है या नहीं और मूल्यांकन किस तरह होगा। इस संबंध में रिपोर्ट 72 घंटों के भीतर सौंपी जाएगी। 12वीं की परीक्षाओं को लेकर कर्नाटक ने जल्द ही 'उचित फैसला' लिए जाने की बात कही है। वहीं, तमिलनाडु ने कहा है कि विशेषज्ञों से विचार-विमर्श के बाद अलगे दो दिनों में इस संबंध में फैसला लिया जाएगा।