नई दिल्ली: यूपी में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आता जा रहा है, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव आक्रामक होते जा रहे हैं। और वह अब सीधे पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ पर निशाना साध रहे हैं। उनकी यह रणनीति कितनी कारगर होगी, यह तो चुनाव परिणामों से पता चलेगा। लेकिन अगर इतिहास को देखा जाय तो जब भी विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले किए हैं, तो उसका उसे चुनावों में फायदा नहीं मिला है। आज हम आपको ऐसे ही बयानों के बारे में बता रहे हैं, जो विपक्ष पर उल्टा पड़ गया।
अखिलेश यादव ने क्या कहा
सोमवार को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी विश्वनाथ प्रोजेक्ट धाम का उद्घाटन कर रहे थे। उसी समय सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा 'प्रधानमंत्री एक महीना क्या 3 महीने तक बनारस में रहें। वो जगह रहने के लिए अच्छी है। आखिरी समय में वहीं रहा जाता है। '
उनके इस बयान पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि काशी का ऐसा भव्य रूप देखकर अखिलेश यादव बौखला गए हैं। अगर किसी जगह जिन्ना की मूर्ति का लोकार्पण होता तो वह खुशी से झूम उठते और घर-घर मिठाई बांटते।
राहुल गांधी की 'चौकीदार चोर' की रणनीति नहीं आई काम
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में राफेल सौदे को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की थी। और उन्होंने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश की। इस रणनीति के तहत वह बार-बार 'चौकीदार चोर है' का बयान देते रहते थे। हालांकि इसका कांग्रेस को चुनावों में कोई फायदा नहीं मिला और उसके केवल 52 सीटें मिलीं। जबकि भाजपा का आकंड़ा 300 को पार कर गया। पार्टी को 303 सीटें मिलीं।
इसी तरह राहुल गांधी ने फरवरी 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनावों के पहले बयान दिया था 'छह महीने बाद भारत के युवा रोजगार को लेकर मोदी को डंडे से मारेंगे ।' और इसका जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी नरेंद्र ने संसद में कहा कि कांग्रेस के एक नेता कह रहे हैं कि 'छह महीने में लोग मुझे डंडे मारेंगे, अच्छा हुआ, पहले बता दिया, मैं तैयारी कर लूंगा, सूर्य नमस्कार की संख्या बढ़ा दूंगा, लोग मुझे ऐसी-ऐसी गालियां दे रहे हैं कि मैं गाली-प्रूफ हो गया हू।'
उसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनावों कांग्रेस की करारी हार हुई थी। हालांकि भाजपा भी सरकार नहीं बना पाई। और आम आदमी पार्टी की दोबारा सरकार बनी। लेकिन इस बयान का कांग्रेस चुनावों में कोई फायदा नहीं उठा सकी। उन चुनावों में आम आदमी पार्टी को 62 और भाजपा को 8 सीटें मिली थीं। और कांग्रेस का पहली बार ऐसा हुआ कि दिल्ली में खाता ही नहीं खुला।
केजरीवाल ने भी साधा था हमला
10 जनवरी 2017 को आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति कहती है कि आपको अपनी बूढ़ी मां और धर्मपत्नी को अपने साथ रखना चाहिए। पीएम आवास बहुत बड़ा है, थोड़ा दिल बड़ा कीजिए।
यह बयान भी केजरीवाल के लिए उल्टा पड़ा। 2019 में लोकसभा चुनावों में भाजपा की जीत हुई और दिल्ली विधानसभा में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी आम आदमी पार्टी लोकसभा में कोई कमाल नहीं कर पाई। 2019 में आम आदमी को एक भी सीट नहीं मिली थी।
मणिशंकर अय्यर के बयान ने कराई किरकिरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निजी हमले वाले बयान सबसे ज्यादा कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के रहे हैं। उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान कहा था 'मुझे लगता है कि ये बहुत नीच किस्म का आदमी है, इसमें कोई सभ्यता नहीं है, और ऐसे मौके पर इस किस्म की गंदी राजनीति करने की क्या आवश्यकता है? ' इस बयान पर कांग्रेस ने अय्यर को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। इसके अलावा अय्यर का चाय वाला बयान भी चर्चा में रहा।
17 जनवरी 2014 को ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी(एआईसीसी) की बैठक में अय्यर ने कहा था ' मोदी कभी पीएम नहीं बनेंगे, लेकिन अगर वह एआईसीसी बैठक में चाय बेचना चाहते हैं तो वे उनके लिए जगह की व्यवस्था कर देंगे।'
उनके इस बयान को भाजपा ने अपने चुनावी अभियान का हिस्सा बना लिया और माना जाता है कि 2014 की जीत में इस बयान का भाजपा को बहुत फायदा मिला था।
सोनिया गांधी के बयान के बाद मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी हुई थी
बात 2007 के विधानसभा चुनाव की है। 2002 में हुए गुजरात दंगों के बाद हो रहे चुनाव की थी ऐसा लगने लगा था कि बीजेपी चुनाव हार जाएगी। उस दौरान चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मोदी को 'मौत का सौदागर' कह दिया जिसका नतीजा ठीक उलट हुआ और मोदी के नेतृत्व में बीजेपी एक बार फिर से चुनाव जीत गई।