Karwa Chauth Celebration in Hindi films: आज करवा चौथ का त्यौहार है और पूरे भारतवर्ष में यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा। पति पत्नी के असीम प्रेम के प्रतीक इस त्यौहार को कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। बॉलीवुड में भी इस त्योहार का काफी महत्व है। कई फिल्मों में इस त्यौहार को धूमधाम के साथ दिखाया गया है। महिलाएं इस मौके पर अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं और शाम को पूजन करने के बाद पति का चेहरा छलनी में देखकर चांद को अर्घ्य देती हैं।
2003 में रिलीज फिल्म 'इश्क विश्क' में अमृता राव अपने प्यार शाहिद कपूर के खातिर व्रत रखती हैं। बिना शादी किए और किसी को बिना बताए पायल यानी अमृता अपने प्यार राजीव यानी शाहिद के लिए निर्जला व्रत करती हैं। सबकी नजरों से बचकर शाहिद उनका व्रत तोड़ने उनके कमरे में आते हैं। इस सीक्वेंस को बेहद खूबसूरती से पर्दे पर उतारा गया है।
1999 में आई सलमान खान और ऐश्वर्या राय की फिल्म में करवाचौथ को खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है। इस फिल्म का गाना चांद छुपा बादल में..आज भी लोगों के जेहन में है। इस गाने में सलमान चांद से जल्दी नहीं निकलने को बोल रहे हैं ताकि उनकी प्रेमिका उन्हें छोड़कर न चली जाए। दोनों की केमिस्ट्री लाजवाब है। ऐश्वर्या यह व्रत पति अजय देवगन के लिए रखती हैं, लेकिन उनका दिल सलमान खान के पास होता है।
किंग खान शाहरुख और काजोल की इस फिल्म में करवाचौथ को बेहद रोमांटिक अंदाज में फिल्माया गया है। 1995 में आई रोमांटिक फिल्म 'दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे' में काजोल यह व्रत अपने होने वाले पति परमीत सेठी के लिए रखती हैं, लेकिन वास्तव में वो चोरी छिपे अपने प्रेमी शाहरुख के लिए निर्जला व्रत करती हैं। काजोल इस व्रत को रखने के दौरान बेहोश होने का नाटक करती हैं और उसी प्रेमी के हाथों पानी पीती है जिससे वो शादी करना चाहती हैं। व्रत की पूजा के बाद राज यानी शाहरुख और सिमरन यानी काजोल एक-दूसरे को खाना खिलाते हैं।
साल 2001 में आई मल्टीस्टारर फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' में करवाचौथ को बड़े ही भव्य अंदाज में फिल्माया गया था। इस सीन में तीन फिल्मी जोड़ियों व्रत करती हैं। व्रत के साथ-साथ बोले चूड़ियां गाने में स्टार्स झूमते भी दिखते हैं।
साल 2003 में आई फिल्म बागवान में करवाचौथ को बेहद भावुक अंदाज में दिखाया गया है। अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी पर फिल्माए गए इस सीक्वेंस में दोनों एक-दूसरे से दूर अलग-अलग शहरों में व्रत रखते हैं। चांद निकलने पर हेमा अमिताभ को फोन कर अपना व्रत पूरा करती हैं। इस सीन में खुद अमिताभ भी हेमा के लिए व्रत रखते हैं और तब तक पानी नहीं पीते हैं जब तक चांद नहीं निकल आता। बाद में हेमा को पता चलता है कि अमिताभ के पास खाने के लिए कुछ नहीं है, तो वह अपनी भरी थाली छोड़ चली जाती हैं।
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