इंसान की जिंदगी में अच्छा बुरा दौर आता रहता है। जरूरी है कि इससे सबक लेकर आगे बढ़ा जाए। परिणीति चोपड़ा का भी ऐसा ही मानना है। इश्कजादे से बॉलीवुड में कदम रखने के साथ ही परिणीति चोपड़ा से बहुत उम्मीद लगाई गई थीं। लेकिन उनको वह अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई। साल 2016 उनके लिए बेहद बुरा रहा जब वह हर फ्रंट पर कठिनाइयों का सामना कर रही थीं। इस समय परिणीति चोपड़ा बेहद बुरे डिप्रेशन में थीं।
परिणीति चोपड़ा को लगता था कि उनका ये बुरा दौर कभी ठीक नहीं होगा। बॉम्बे टाइम्स से अपनी बातचीत में परिणीति चोपड़ा ने बताया है कि उनको कई बार महसूस हुआ कि वह इस सबसे बाहर नहीं निकल पाईं। लेकिन जिंदगी की हर जंग आपके लिए सबक लेकर आती है और आपको मजबूत बनाती है। तो परिणीति चोपड़ा के साथ भी ऐसा ही हुआ। वैसे अब परिणीति चोपड़ा को लगता है कि अगर जिंदगी में मुश्किलें ना आएं तो लाइफ एकदम बोरिंग रहे।
2017 में परिणीति चोपड़ा की दो फिल्में आई थीं - मेरी प्यारी बिंदु जो बुरी तरह पिटी। लेकिन सब बराबर कर दिया गोलमाल अगेन की जोरदार सक्सेस ने। बेशक ये मल्टीस्टारर थी लेकिन परिणीति चोपड़ा के लिए नई शुरुआत का मौका लेकर आई। उनके काम की खासी तारीफ भी हुई थी।
परिणीति चोपड़ा की फिल्म संदीप और बबली फरार की प्रमोशंस शुरू ही हो रही थीं कि कोरोना के आने से सब रुक गया। इसके अलावा उनकी आने वाली फिल्मों में द गर्ल ऑन द ट्रेन और बेडमिंटन चैंपियन साइना नेहवाल की बायोपिक हैं। दोनों ही फिल्मों को परिणीति चोपड़ा दिल के करीब और बेहद चैलेंजिंग बताती हैं।
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