ऋषि कपूर का नाम हमेशा ही बॉलीवुड के महान कलाकारों में लिया जाएगा जिन्होंने बॉलीवु़ड को बुलंदियों तक पहुंचाने में अतुलनीय योगदान दिया है। 30 अप्रैल को जब अचानक ऋषि कपूर के निधन की खबर आई तब पूरी फिल्म इंडस्ट्री शोक की लहर में डूब गई।
साल 1973 से उन्होंने अपनी डेब्यू फिल्म बॉबी से बॉलीवुड में कदम रखा था जिसके बाद एक से एक हिट फिल्में उन्होंने दीं। ऋषि कपूर ने अपनी दूसरी पारी में भी बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में दीं अपने बेहतरीन किरदारों से उन्होंने फिर से साबित कर दिया था कि उनके जैसा कलाकार दूसरा और कोई नहीं है। फिल्म अग्निपथ में रौफ लाला का किरदार उनकी दूसरी पारी के कुछ सबसे बेहतरीन किरदारों में से एक था।
जानें कौन सी फिल्म का था रीमेक
बॉलीवुड हंगामा की एक रिपोर्ट की मानें तो ऋषि कपूर अपने बेटे रणबीर कपूर के साथ एक गुजराती फिल्म चाल जीवी लाइए की हिंदी रीमेक करने वाले थे। इस फिल्म की सबसे खास बात यह थी कि इस फिल्म में ऋषि कपूर रणबीर कपूर के पिता का रोल अदा करने वाले थे। रणबीर से इस बारे में बात उन्होंने खुद की थी।
इस फिल्म को बनाने वाले प्रोडक्शन हाउस कोकोनट मोशन पिक्चर्स के सीईओ रितेश लल्लन एक इंटरव्यू के दौरान बताते हैं कि हमने ऋषि कपूर और रणबीर कपूर को अपनी फिल्म के हिंदी रिमेक में कास्ट करने की योजना बनाई थी। लॉकडाउन से ठीक पहले मार्च में मैंने ऋषि कपूर सर के मैनेजर से बातचीत भी की थी। लेकिन उसके बाद महामारी के कारण लॉकडाउन लग गया जिससे यह प्रोजेक्ट पीछे रह गया।
लेकिन बाद में जब ऋषि सर के निधन की बात सामने आई मेरा यह सपना अधूरा रह गया। हालांकि, मैंने रणबीर कपूर से अभी तक इस मामले में कोई बात नहीं की है।'
रणबीर कपूर और ऋषि कपूर की जोड़ी इससे पहले साल 2013 में एक एक्शन कॉमेडी फिल्म बेशरम में नजर आई थी। हालांकि, इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कुछ अच्छा कमाल नहीं किया था।
रितेश कहते हैं, यह गजब का अनुभव होता है जब रियल लाइफ के पिता-पुत्र रील लाइफ में भी पिता-पुत्र का किरदार निभा रहे होते। यह कास्टिंग अपना एक अलग इतिहास बनाती। उन्होंने कहा फिल्म की स्टोरी कमाल की थी जिससे ऋषि सर और रणबीर दोनों ही अपने आप को रिलेट कर पाते। रितेश ने कहा, अब फिल्म में ऋषि कपूर की जगह और किसी लेना है, इसकी तलाश जारी है।
चाल जीवी लाइए एक ऐसे पिता पुत्र की कहानी है जिसमें एक वर्कहोलिक (हमेशा काम में व्यस्त रहने वाला) पुत्र अपने पिता की आखिरी इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें उत्तराखंड की वादियों में घुमाने ले जाता है। वहीं रास्ते में उसे एक केतकी नाम की लड़की मिलती है और तीनों अपनी जिंदगी की सबसे अप्रत्याशित और सबसे संतोषजनक यात्रा करते हैं।
इस फिल्म में गुजराती थिएटर के सुपरस्टार सिद्धार्थ रंदेरिया, यश सोनी और आरोही पटेल को लिया गया था। फिल्म को विपुल मेहता ने डायरेक्ट किया था और सचिन-जिगर ने म्यूजिक दिया था। सचिन-जिगर का नाम बॉलीवुड के बड़े म्यूजिक डायरेक्टर्स में शामिल है।
1 फरवरी 2019 को रिलीज हुई यह फिल्म अब तक की गुजराती की सबसे बड़ी फिल्म है जिसने 40 से 42 करोड़ तक का बिजनेस किया है। लॉकडाउन हटने के बाद 15 अक्टूबर को यह फिर से गुजरात के सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।
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