मुंबई: लॉकडाउन में जरूरतमंद प्रवासी लोगों के मसीहा बने सोनू सूद के जीवन को फिल्म में बदलने के लिए कई प्रस्ताव और भावनाएं सामने आ रहे हैं। और क्यों न हों? आखिरकार, पिछले 5-6 महीनों से 'दबंग' अभिनेता ने आम लोगों के लिए दिन-रात मेहनत जो की है। उन्होंने COVID-19 महामारी के कारण फंसे हुए लोगों को लॉकडाउन में घर भेजने और कई अन्य तरह से मुहिम सी छेड़ दी। हालांकि सोनू फिलहाल काफी व्यस्त नजर आ रहे हैं और उनका कहना है कि वह फिलहाल बायोपिक के लिए तैयार नहीं हैं।
स्पॉटबॉय की रिपोर्ट के अनुसार, अभिनेता ने इस बारे में बोलते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि मुझ पर फिल्म करना बहुत जल्दबाजी होगी। मेरे पास अभी करने को बहुत कुछ मौजूद है। बहुत सारे लक्ष्यों को हासिल करना है। एक नहीं बहुत सारे निर्माताओं ने मेरे जीवन पर फिल्म बनाने पर जोर दिया है लेकिन। लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं अपनी जिंदगी को पर्दे पर उतारने के लिए तैयार हूं।'
उन्होंने कहा, 'रोजाना सैकड़ों लोग हमारे पास पहुंचते हैं। बहुत कुछ किया जाना बाकी है। भगवान ने मुझे खुद को समाज के लिए उपयोगी बनाने का यह मौका दिया है, चुपचाप बैठकर अपनी उपलब्धियां देखने के लिए नहीं।'
हालांकि जब भी अभिनेता पर बायोपिक बनेगी तो सोनू सूद इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि कौन पर्दे पर उनकी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, 'मैं खुद किरदार करूंगा। जब मेरी बायोपिक बनेगी तो मुझे लगता है कि मुझे इसका हिस्सा बनने का अधिकार है। यह बायोपिक के लिए मेरी एकमात्र शर्त होगी।'
कोरोनो वायरस के समय कठिन परिश्रम करने वाले प्रवासी श्रमिकों और अन्य संकटग्रस्त लोगों को लेकर सोनू का अनुभव किताब का विषय है जो जल्द ही खत्म होने वाली है।
किताब पर बात करते हुए सोनू कहते हैं, 'कई अध्याय तैयार हैं। ये अक्टूबर तक पूरी हो जानी चाहिए। हमें अभी तक कोई टाइटल नहीं मिला है, जल्द ही मिलने की उम्मीद है।'
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