छोटे पर्दे पर रामायण जैसी लोकप्रियता कम ही टीवी शोज को मिलती है। दूरदर्शन पर इसका प्रसारण 25 जनवरी 1987 से शुरू हुआ था और हर हफ्ते इसका 35 मिनट का एपिसोड आता था। इसकी कहानी वाल्मिकी रामायण और तुलसीदास के रामचरितमानस से ली गई थी। अरुण गोविल, दीपिका, सुनील लहरी, दारा सिंह और अरविंद त्रिवेदी के लीड रोल्स में इस रामायण को रामानंद सागर ने बनाया था। कोरोनावायरस की वजह से हुए लॉकडाउन में रामायण का पुन: प्रसारण शुरू हुआ है और इसे जबदरस्त टीआरपी मिली। वैसे 80 के दशक में भी इस सीरीज की व्यूअरशिप 82 प्रतिशत के करीब थी।
जब 78 एपिसोड के बाद सीता के धरती में समाने पर रामायण का समापन हुआ था, तब इसकी आगे की कहानी को दिखाने की मांग ने जोर पकड़ा था। हालांकि इसके लिए रामानंद सागर तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि इसके आगे उनके पास कहने को कुछ नहीं है और अगर वे लव कुश की कहानी को लाते हैं तो वह कल्पना पर आधारित होगी।
लेकिन दबाव में उन्होंने दूरदर्शन के लिए रामायण उत्तर कांड के नाम इसका सीक्वल बनाया। लेकिन इस पर कई विवाद हो गए थे और कई लोगों ने इस पर आपत्ति भी जताई। इसके बाद मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रामानंद सागर पर 10 साल तक कोर्ट केस भी चला था। वैसे रामायण को टीवी पर 2000 में एक चैनल पर भी दिखाया गया था। वहीं रामायण का रीमेक 2008 में सागर आर्ट्स द्वारा फिर बनाया गया था।
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