नई दिल्ली : आज जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रही है, यह समझ लेने की जरूरत है कि हालांकि इसके लक्षण आम फ्लू जैसे ही होते हैं, लेकिन इसकी गंभीरता कहीं अधिक होती है। एक रिसर्च के मुताबिक, कुछ लोगों में कोरोना संक्रमण से उबरने और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अत्यधिक थकान, सांस फूलने और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण कई महीनों तक रह सकते हैं।
इस स्थिति को 'लॉन्ग-कोविड' कहा गया है, जिसमें संक्रमण से उबरने के बाद भी लोगों में करीब तीन महीने तक ऐसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसा आम तौर पर उन लोगों में होता है, जिनमें संक्रमण की स्थिति लंबे समय तक रही हो। इस संबंध में अगस्त में एक रिपोर्ट भी प्रकाशित हुई थी, जिसमें कहा गया कि कोरोना संक्रमण की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी थकान, सांस फूलने और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण महीनों तक रह सकते हैं। यहां तक कि एक कप उठाते समय भी ऐसे लोगों के हाथ कांप सकते हैं।
अब 'मिरर' में हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट में 27 वर्षीय एक युवती का जिक्र किया गया है, जो सात महीने से लंबे समय से 'लॉन्ग कोविड' से जूझ रही है। अत्यधिक थकान की वजह से उसका अधिकतर समय बिस्तर पर ही गुजरता है। पेशे से एनिमेटर और अभिनेत्री रोजा फिशर को इस स्थिति के कारण अपने माता-पिता के साथ घर वापस जाना पड़ा, क्योंकि वह अब काम या व्यायाम करने में सक्षम नहीं हैं।
उनका कहना है कि अब भी सीढ़ियों से चलने पर उनकी सांस फूलने लगती है। शुरुआत में डॉक्टर भी इसकी वजह नहीं समझ पाए थे। उन्हें यह समझ नहीं आ रहा था आखिर लंबे समय तक ये लक्षण उनमें क्यों हैं। इसकी वजह से उन पर मानसिक दबाव भी बहुत पड़ा। 7 महीने बाद भी हल्का-फुल्का काम करने के बावजूद वह थक जाती हैं। नहाने और कपड़े पहनने भर से वह इतना थक जाती हैं कि उन्हें तुरंत बिस्तर पर जाने की जरूरत महसूस होने लगती है।
कई बार चाय का कप उठाने तक में भी उन्हें मुश्किल होती है और मांसपेशियों में दर्द हो जाता है। अब 'लॉन्ग कोविड' को लेकर हुई रिसर्च के बाद उन्हें अपने लक्षणों के उपचार को लेकर उम्मीद जगी है। रोजा के साथ-साथ दुनियाभर में ऐसे बहुत से मरीज हैं, जो 'लॉन्ग कोविड' जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। ठीक होने के बाद भी वे व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे ही अपनी गतिविधियां करने के लिए मजबूर हैं। यहां तक कि उन्हें किसी से हाथ मिलाने में भी परेशानी होती है।