नई दिल्ली: भारत सहित दक्षिण एशिया के कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। भारत में कोविड 19 संक्रमण का आंकड़ा ढाई लाख के पार पहुंच गया है। माना जा रहा है कि दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में कम्युनिटी स्प्रेड का खतरा बढ़ गया है और संक्रमण तीसरे चरण में पहुंचने की कगार पर है। ऐसे में दुनियाभर के विशेषज्ञों का मानना है कि संक्रमण बेहद तेजी से बढ़ रहा है। विशेषज्ञ ये भी बता रहे हैं कि महामारी को रोक पाना मुश्किल क्यों है। ऐसे में डब्लूएचओ का अभी भी मानना है कि कोरोना के जिन मरीजों में लक्षण नहीं दिख रहे हैं उनसे दूसरों के संक्रमित होने का खतरा बेहद कम है।
महामारी के फैलने की मुख्य वजह बगैर लक्षण वाले मरीज नहीं
डब्लूएचओ की कोविड 19 मामले की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन केरकोव ने प्रेस को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा, कई देश अपने यहां बगैर लक्षण वाले मरीजों से संक्रमण फैलने की बात रिपोर्ट कर रहे हैं। लेकिन जब उनसे इन मामलों के बारे में ज्यादा जानकारी मांगी गई तो पता चला कि उन लोगों में कोरोना के थोड़े लक्षण या अप्रत्याशित लक्षण दिख रहे थे। ब्रिटेन, अमेरिका और अन्य देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी थी कि कोविड 19 बगैर लक्षणों वाले मरीजों से फैल रहा है। डब्लूएचओ इस पर अभी भी कायम है कि महामारी के फैलने की मुख्य वजह बगैर लक्षण वाले मरीज नहीं हैं। अब तक पूरी दुनिया में अधिकतम 6 प्रतिशत ऐसे मामल पाए गए हैं।
और सूचनाएं हासिल कर रहा है डब्लूएचओ
कई अध्ययन में ये पाया गया है कि कोरोना वायरस बगैर लक्षण वाले मरीजों से भी फैल रहा है लेकिन जिन लोगों की वजह से दूसरे लोग संक्रमित हुए उनकी स्थिति अलग थी। वैन केरकोव ने विभिन्न देशों से मिले आंकड़े के आधार पर कहा, जब बगैर लक्षण वाले कोरोना मरीजों पर लंबे समय तक नजर रखी गई तो मालूम हुआ कि ऐसे लोगों से अन्य के संक्रमित होने की दर कम फैला। उन्होंने आगे कहा, हम लगातार इस डेटा पर नजर रखे हुए हैं। हमारी कोशिश है कि इस बारे में और सूचनाएं हासिल करके इस सवाल का सही सही जवाब दे सकें।