कई बार खबरें सुनने मे आती हैं कि किसी बीमारी कि वजह से लोग मिनटों मे अपनी जान गंवा बैठते हैं लेकिन क्या आप इस से ये समझते हैं कि इंसान कि जिंदगी कितनी कीमती होती है।कई बार स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के बाद भी कुछ रोग अचनाक से आ जाते हैं। इनमें से कुछ को लाइफस्टाइल में बदलाव करके ठीक किया जा सकता है।जैसे कि रक्त कैंसर कि बीमारी है, जो कभी भी कहीं भी किसी को भी हो सकती है। ये हेल्दी लाइफस्टाइल में भी आपके शरीर पर कब्जा कर सकती है।
वहीं हृदय रोग और ओबेसिटी से स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम द्वारा बचा जा सकता है। ऐसे कुछ नैचुरल फूड्स हैं जो हार्ट अटैक जैसे खतरों से आपको बचा सकते हैं लेकिन आपको इसका सेवन नियमित करना है। ये विशेषकर फूड हार्ट अटैक के खतरे को भी कम करता है। तो चलिये जानते हैं कि ये किस तरह आपके दिल को दुरुस्त रख सकता है।
क्या है हार्ट अटैक:
दिल का दौरा उस स्थिति में पड़ सकता है, जब किसी व्यक्ति के दिल तक रक्त प्रवाह (ब्लड फ्लो) में ब्लॉकेज हो जाती है। यह ब्लॉकेज फैट, कॉलेस्ट्रॉल और अन्य तत्वों के बनने के कारण होती है, धमनियों में ठोस पदार्थ बन जाती है, जिसकी वजह से दिल पर दबाव पड़ता है।
आमतौर पर, ठोस पदार्थ टूट जाते हैं और क्लोट का रूप ले लेते हैं। यह बाधित रक्त प्रवाह दिल की मांसपेशियों को नष्ट या खराब कर सकता है। इसी स्थिति का परिणाम दिल का दौरा या हार्ट अटैक होता है।
आंकड़ों कि मानें तो भारत मे 1 मिलियन से ज़्यादा लोग हर साल हार्ट अटैक झेलते हैं।
क्या आप जानते हैं कि सप्ताह मे दो बार मछली खाने से हार्ट अटैक का खतरा कम किया जा सकता है? मछली कैसे हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकती है?
हाल ही में हुई एक स्टडी मे विशेषज्ञों ने बताया है कि सप्ताह में दो बार मछली खाने से हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है। हावर्ड मेडिकल स्कूल की इस रिसर्च के अनुसार सप्ताह में कम से कम दो बार आहार में फिश को शामिल करने से हृदय कि सेहत को सुधारा जा सकता है और हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ए होता है। ये पोषक तत्व आंतों में ब्लड क्लॉट बनने से रोकते हैं और हृदय से रक्त के प्रवाह को बढ़ावा देते हैं।
मछली में मौजूद ओमेगा 3 फैटी एसिड हाई ब्लड प्रैशर और हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी संतुलित रखता है। इसलिए, सप्ताह मे दो बार मछली खाने से हार्ट अटैक के खतरे को कम किया जा सकता है। अगर आप मछली खाते हैं लेकिन आपकी लाइफस्टाइल से जुड़ी आदतें जैसे गलत खाने की, व्यायाम न करना, शराब पीना आदि है तो अकेले फिश खाकर आप हार्ट अटैक से नहीं बच सकते हैं।
सप्ताह में दो बार फिश को लो फैट चीजों के साथ पकाकर आप इसे अपने स्वस्थ आहार में शामिल कर सकते हैं। अगर आप शाकाहारी हैं और फिश नहीं खा सकते हैं तो आपको डॉक्टर की सलाह पर फिश ऑइल कैप्सुल खाने चाहिए।