जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने से चंद्रमा पृथ्वी के छांव में आ जाता है तब इस वैज्ञानिक घटना को चंद्र ग्रहण का नाम दिया जाता है। इस घटना के दौरान, सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आ जाते हैं। कई जानकार यह बताते हैं कि चंद्र ग्रहण का प्रभाव इंसान के स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस तथ्य को सिद्ध करने के लिए विज्ञान के पास अभी कोई ठोस सबूत मौजूद नहीं है।
लेकिन दुनियाभर के लोगों कि यह मान्यता है कि चंद्र ग्रहण का प्रभाव मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा पड़ता है। इस बार भारत में चंद्र ग्रहण 26 मई को लगने वाला है। चंद्र ग्रहण के साथ इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी है। कहा जा रहा है कि इस बार चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि और अनुराधा नक्षत्र में लगेगा। कई ज्योतिष यह बता रहे हैं कि भारत में उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने वाला है। यहां जानिए क्या सच में चंद्र ग्रहण का आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा।
क्या कहती हैं पौराणिक धारणाएं?
पौराणिक धारणाओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दौरान निकलने वाली अल्ट्रावायलेट रेज पके हुए खाने को नुकसान पहुंचाती हैं। इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि यह किरणें पानी को भी दूषित करती हैं। यह एक प्रख्यात धारणा है कि चंद्र ग्रहण के दौरान लोगों को अपनी नंगी आंखों से चंद्र की तरफ नहीं देखना चाहिए क्योंकि इससे आंखों पर बुरा असर पड़ता है। मगर विज्ञान इस तथ्य का खंडन करती है और यह कहती है कि चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा से कोई दृढ़ किरने नहीं निकलती हैं और इसी वजह से लोग बिना प्रोटेक्टिव ग्लास का इस्तेमाल किए चंद्रमा को देख सकते हैं। यह कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान रेडिएशन गर्भवती महिलाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं इसीलिए गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर निकलने और चंद्र ग्रहण काल में खाना खाने के लिए मना किया जाता है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक तथ्य?
एक शोध के अनुसार यह पता चला था कि चंद्र ग्रहण का असर इंसानों के निद्रा पर पड़ता है। इस शोध के अनुसार यह पता चला था कि गहरी नींद में सोने में तकरीबन 3% की कमी आती है और नींद आने के समय में 5 मिनट की देरी होती है। एक और शोध के अनुसार यह पता चला था कि चंद्र ग्रहण के साइकिल का असर इंसान और जानवरों के बर्ताव और साइकोलॉजी पर होता है। इस शोध के अनुसार यह कहा गया था कि चंद्र ग्रहण के साइकिल का असर ह्यूमन रिप्रोडक्शन, फर्टिलिटी, मासिक धर्म और बर्थ रेट पर पड़ता है।
यह भी पता चला था कि चंद्र ग्रहण के साइकिल का असर कीड़ों-मकोड़ों पर भी होता है और उनके अंदर हार्मोनल चेंजेस होते हैं। पक्षियों पर भी चंद्र ग्रहण का प्रभाव पड़ता है और उनके अंदर पाए जाने वाले मेलाटोनिन और कॉर्टिकॉस्टरॉन गायब हो जाते हैं। सिर्फ पक्षियों पर ही नहीं बल्कि लैब में प्रयोग किए जाने वाले चूहों पर भी असर पड़ता है और उनके पीनियल ग्लैंड सेल्स और टेस्ट सेंसटिविटी भी प्रभावित होते हैं।