कोरोना से जूझ रहे देशों की पेशानी पर कोविड-19 के नए स्ट्रेन (Covid-19 new strain) ने फिर से बल डाल दिए हैं, हाल ही में महामारी के लगभग एक साल बाद सफल वैक्सीन के तैयार होने की खुशी इसके बीच कहीं दब सी गई है।वैज्ञानिक और मेडिकल एक्सपर्ट्स कोरोना के इस नए रूप के स्त्रोत का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं,यह स्ट्रेन 70% ज्यादा संक्रामक बताया गया है।
वहीं केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना मामलों के मद्देनजर एक फ्रेश गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें मौजूदा कोविड-19 गाइडलाइंस को 31 जनवरी तक बढ़ा दिया गया गृह मंत्रालय ने ब्रिटेन में पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन से सावधान रहने के लिए भी कहा है।
कोरोना वायरस के इस नए वैरिएंट के बारे में अभी ज्यादा जानकारियां नहीं मिल पाई हैं और इसके जीनोम संरचना पर अभी रिसर्च चल रही है। जानकार बताते हैं कि नया वैरियंट SARS-CoV-2 के स्पाइक प्रोटीन में कई सारे म्यूटेशंस का नतीजा है, इनमें से एक म्यूटेशन को N501Y नाम दिया गया है, यह स्पाइक प्रोटीन के उस एरिया में मिला है जो इंसानी कोशिका के एक प्रमुख प्रोटीन ACE2 रिसेप्टर से जुड़ता है। ये अब लोगों को पहले से भी ज़्यादा तेज़ी से संक्रमित कर रहा है।
वैज्ञानिक बताते हैं कि कि इस नए स्ट्रेन के कुछ लक्षण पुराने वायरस जैसे ही हैं, लेकिन कुछ नए भी हैं बताते हैं कि ये नया स्ट्रेन पहले के मुकाबले ज़्यादा तेजी और दूर तक फैल रहा है। CDC ने कोविड-19 के नए स्ट्रेन के खतरनाक लक्षणों के बारे में बताया है जिन्हें नजरअंदाज ना करें-
सेंटर फोर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रीवेंशन ने सलाह दी है कि जैसे ही ये लक्षण दिखें उन्हें फौरन मेडिकल मदद लेनी चाहिए, क्योंकि ये नए लोगों लक्षण गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए सचेत रहें।
हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक, कोरोना के इस नए स्ट्रेन ने इंग्लैंड में रोगियों की और इससे होने वाली मौतों की संख्या को बढ़ाया है, कोरोना वायरस से अभी तक बच्चों में जोखिम नहीं बढ़ा था, लेकिन कोरोना का नया स्ट्रेन बच्चों के लिए भी ख़तरनाक साबित हो रहा है। एक्सपर्ट्स का ये भी मानना है कि 2020 की तुलना में कोरोना वायरस के इस नए रूप की वजह से साल 2021 में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ सकती है।
कोविड-19 के नए स्ट्रेन के सामने आने के बाद बात अब इससे बचाव की हो रही है तो पूछा जा रहा है कि क्या नए स्ट्रेन पर वैक्सीन काम करेगी या नहीं तो फिलहाल तो जबाव ना में ही है, मगर अधिकतर एक्सपर्ट्स यही कह रहे हैं कि वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी काम करनी चाहिए हालांकि इसको लेकर मॉडर्ना और फाइजर के अलावा और कंपनियों की रिसर्च जारी है।
कोरोना के नए स्ट्रेन के मिलने के बाद ब्रिटेन में दहशत है। उस डर को इस बात से भी समझा जा सकता है जिसमें पीएम बोरिस जानसन ने राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए कम से कम फरवरी के मध्य तक नया स्टे-ऑन-होम लॉकडाउन लगाया है। इस लॉकडाउन का मकसद साफ है कि कोरोना के नए स्ट्रेन को हर हाल में रोका जा सके।