Mango Health Benefits and Myths in Hindi: भले ही गर्मी का मौसम चुभन भरा हो, लेकिन इसके बाद भी लोगों को इस मौसम का बेसब्री से इंतजार रहता है। इन दिनों बाजार में सबसे ज्यादा आम बिकता है। बच्चें हो या बड़े आम का नाम लेते ही सबके मुंह में पानी आ जाता है, आम को फलों का राजा भी कहा जाता है। भारत में मुख्य रूप से 12 किस्म के आम होते हैं, आम का इस्तेमाल केवल फल के तौर पर ही नहीं बल्कि सब्जी, चटनी, पना, शेक के लिए भी किया जाता है।
यह ना केवल खाने में स्वादिष्ट होता है बल्कि इसके कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ भी हैं। आम में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई और कैल्शियम पाया जाता है। लेकिन आम से जुड़ें मिथक लोगों को इसे ना खाने के लिए मजबूर कर देते हैं। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं आम से जुड़े मिथक के बारे में।
क्या आम वजन बढ़ाता है?
आम वसा रहित, सोडियम मुक्त और कोलेस्ट्रोल फ्री होता है। आम में फैट और कोलेस्ट्रोल की मात्रा शून्य होती है, इसलिए आपको बता दें आम का सेवन करने से वजन में वृद्धि नहीं होती। आम में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन ई, पोटेशियम, फाइबर और कैल्शियम पाया जाता है। जो सेहत के लिए फायदेमंद होता है।
आम खाने से मुहासे और फुंसी निकलते हैं
आम एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। इसलिए यह मिथक है कि आम खाने से मुंहासे या फुंसी निकलती है।
ब्लड शुगर वाले मरीज नहीं कर सकते आम का सेवन
आम के अंदर कुदरती मिठास होती है, लेकिन इसका ग्लाइमेक्स इंडेक्स अन्य फलों की तुलना में कम होता है। जो इसे ब्लड शुगर से ग्रस्त मरीजों के लिए उपयुक्त बनाता है। इसलिए मधुमेह वाले लोग एक दिन में एक आम का सेवन कर सकते हैं। ध्यान रहे इसका सेवन अधिक मात्रा में ना करें।
आम बढ़ाता है शरीर का तापमान
आम शरीर में गर्मी पैदा करता है, लेकिन यह मिथक पूरी तरह सच नहीं है। भारत में लोग आम खाने से पहले इसे घंटो तक पानी में भिगो कर रखते हैं या फिर पहले इसे फ्रिज में रखते हैं। इससे शरीर में गर्मी नहीं बनती है, हालांकि गर्भवती महिलाओं को पपीते जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन ना करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि यह शरीर में गर्मी पैदा करता है, लेकिन आम को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है। डॉक्टर गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को सीमित मात्रा में आम खाने की सलाह देते हैं।