डेल्टा के बाद आया अब कोरोना का नया कप्पा वैरिएंट, जानिए इसके लक्षण और कैसे पड़ा इसका नाम

New variant of coronavirus in india kappa variant : डेल्टा प्लस वेरिएंट के बाद आप भारत में कप्पा वेरिएंट का पहला केस सामने आया है ।

New variant of coronavirus| variant of coronavirus kappa variant,kappa variant kya hai,  डेल्टा के बाद आया अब कोरोना का नया कप्पा वैरिएंट,कप्पा वैरिएंट क्या है, कप्पा वैरिएंट के क्या लक्षण है,kappa variant its symptoms
कोरोना का नया कप्पा वैरिएंट (तस्वीर के लिए साभार - iStock) 
मुख्य बातें
  • भारत के उत्तर प्रदेश राज्य से सामने आया कप्पा वेरिएंट का पहला केस।
  • जानकारों के मुताबिक, बी.1.617.1 के नाम से जाना जाता है यह वेरिएंट।
  • कप्पा वेरिएंट से बचने के लिए विशेषज्ञ लोगों को मास्क पहनने के साथ लोगों से दूरी बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं

नई दिल्ली: कोरोना का एक नया वैरिएंट यूपी में सामने आया है जिसने जानकारों,डॉक्टरों की नींद उड़ा दी है। अभी कुछ हफ्ते पहले कोरोना के डेल्टा वैरिएंट परेशानी का सब बना और अब कोरोना के नए वायरस कप्पा वैरिएंट ने दस्तक दे दी है।  भारत में कोरोनावायरस के दूसरे लहर की बात करें तो इस लहर के पीछे डेल्टा वेरिएंट का कसूर बताया जा रहा है।

यूपी में मिला कप्पा वैरिएंट 

देवरिया और गोरखपुर में डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले पाए जाने के बाद अब संत कबीर नगर में एक मरीज कोविड-19 के कप्पा स्ट्रेन से पॉजिटिव पाया गया है। 66 वर्षीय मरीज की मौत हो गई है। जीनोम अनुक्रमण अभ्यास के दौरान स्ट्रेन का पता चला था।

उनका नमूना 13 जून को नियमित रूप से इक्ठ्ठा किया गया था और सीएसआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, नई दिल्ली को भेजा गया था, जिसने नमूने में कप्पा स्ट्रेन की पुष्टि की है। डेल्टा प्लस की तरह, कप्पा को भी चिंता का एक रूप घोषित किया गया है। इस सप्ताह उत्तर प्रदेश में पहली बार डेल्टा प्लस स्ट्रेन के दो मामले दर्ज किए गए।

नए वैरिएंट से डॉक्टर चिंतित

हाल ही में उत्तर प्रदेश राज्य में कोरोनावायरस का नया वेरिएंट कप्पा वेरिएंट का पहला केस सामने आया है जिसकी वजह से विशेषज्ञों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ गई है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह वेरिएंट घातक साबित हो सकता है।

क्या है कप्पा वेरिएंट? Kappa variant kya hain

जानकारों के मुताबिक कप्पा वेरिएंट पैंगो वंश से नाता रखता है। इस वंश‌ को 1.617 के नाम से जाना जाता है और‌ इसके तीन उप-वर्गों में से एक कप्पा वेरिएंट है। कप्पा वेरिएंट को  B.1.617.1 का नाम दिया गया है जो पहली बार भारत में दिसंबर 2020 में पाया गया था। जानकारों का मानना है कि E484Q और E484K वेरिएंट्स की वजह से कप्पा वेरिएंट का रूप सामने आया है। कहा जा रहा है कि इस म्यूटेशन में L452R म्यूटेशन का भी हाथ है जिसकी वजह से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है।

कैसे पड़ा कप्पा वैरिएंट का नाम

कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यह ऐलान किया था कि अब से कोविड-19 के नए स्ट्रेन का नाम ग्रीक अल्फाबेटिकल लेबल्स के नाम से जाना जाएगा। इसी कड़ी में जिन स्ट्रेन का मूल भारत है उनका नाम डेल्टा और कप्पा रखा जाएगा और कप्पा वेरिएंट सबसे पहले भारत में दिसंबर 2020 में पाया गया था इसीलिए इसका नाम कप्पा रखा गया है। दूसरी तरफ ब्रिटेन के मूल वाले स्ट्रेन का नाम अल्फा रखा जाएगा। 

क्या हैं कप्पा वेरिएंट के लक्षण?

विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनावायरस के कप्पा वेरिएंट से पीड़ित लोगों में खांसी, बुखार, गले में खराश जैसे प्राइमरी लक्षण दिखाई दे सकते हैं। वहीं, माइल्ड और गंभीर लक्षण कोरोनावायरस के अन्य म्यूटेंट्स के लक्षण की ही तरह होंगे। इस वैरिएंट को लेकर अभी शोध हो रहे हैं लिहाजा अभी इससे जुड़ी कई जानकारी सामने आ सकती है। 

कैसे बचा जाए इस वेरिएंट से?

जानकारों का मानना है कि कप्पा वेरिएंट से लेकर डेल्टा वेरिएंट तक, किसी भी वेरिएंट से बचने के लिए मास्क का उपयोग सबसे जरूरी है। इसके साथ जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकलें और पब्लिक प्लेस में लोगों से दूरी ‌बनाए रखें। समय-समय पर हाथ धोते रहें और अपनी इम्यूनिटी को लेकर विशेष ध्यान दें। अगर आपको कोरोनावायरस के लक्ष्ण दिखाई दे रहे हैं तो बिना देर किए खुद को क्वांरटाइन कर लें और अपने डॉक्टर की सलाह लें। टेस्ट के बाद अगर कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो डॉक्टर के मुताबिक आपको इलाज शुरू कर देना चाहिए। 
 

अगली खबर