एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर बैठने में भले ही आप कंफर्टेबल महससू करते हों या आपको ऐसे बैठने में एक स्टाइल नजर आता हो। लेकिन ये आदत आपको गंभीर बीमारियों का शिकार बना सकती है। क्रॉस लेग कर लंबे समय तक रोज बैठना जहां ब्लड सर्कुलेशन का प्रभावित करता है वहीं, नसों में भी दिक्कत पैदा होने लगती है। कई बार ये नर्व को इतना डैमेज कर देती है कि पैरालिसिस की दिक्कत तक आ जाती है। तो ये आदत आप बदल लें और जान लें कि आपकी ये गलत आदत किन-किन बीमारियों का खतरा पैदा कर सकती है।
क्रॉस लेग बैठने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारियां
ब्लड सर्कुलेशन होता है गड़बड़
क्रॉस लेग करके लंबे समय तक या रोज बैठने की आदत आपके शरीर में खासकर कि पैरों में ब्लड सर्कुलेशन को गड़बड़ कर देता है। इससे पैरों में अचानक से तेज दर्द, सुन्नाहट या झंझनाहट पैदा होती है। ये पैरों में होने वाली समस्या की शुरुआत का प्रारंभिक लक्षण होता है।
पेल्विक मसल्स का इंबैलेंस होना
क्रॉस लेग बैठने से पेल्विक मसल्स इंबैलंस की समस्या हो सकती है। जो लोग रोज क्रॉस लेग बैठते हैं उनके पैरों की नसों में अचानक से अकड़न आने लगती हैं। ऐसा तब होता है जब रोज तीन से चार घंटे इसी स्थिति में बैठे रहा जाए। नसों की ये अकड़ने कई बार जांघों से हिप तक भी चली जाती है और धीरे-धीरे जांघ में खिंचाव, सूजन, सुन्न और दर्द की समस्या पैदा होने लगती है। इतना ही नहीं ये हमेशा के लिए घुटने में दर्द का कारण भी बन सकता है।
नर्व पैरालिसिस की दिक्कत
जो लोग लंबे समय तक या रोज ही क्रॉस लेग करके बैठते हैं उनमें नर्व पैरालिसिस की समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। ब्लड सर्कुलेशन रुकने और लंबे समय तक नसों के दबे रहने की वजह से नर्व्स डैमेज होने लगती हैं और समस्या बनी रहे तो ये पॉल्सी या पेरोनियल नर्व पैरालिसिस कहा जाता है। लेग को क्रॉस करने से आपके पेरोनोल नर्व पर दबाव पड़ता है, पेरोनोल आपके पैर में प्रमुख नर्व होती है जो घुटने के नीचे और पैर के बाहर से गुजरती है। यह दबाव टांग और पैर की कुछ मांसपेशियों में अकड़न और अस्थाबसी पैरालिसिस का कारण बन सकता है।
स्पापइडर वेन और दिल की समस्या
क्रॉस लेग बैठने से केवल पैरों में ही समस्या नहीं होती बल्कि इससे दिल की बीमारी तक हो सकती है। दरअसल जब हम क्रॉस लेग कर बैठते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन रुकता है और इससे पैरों तक गया खून वापस दिल में लौटने लगता है। इससे दिल पर दबाव बढ़ता है। वहीं पैरों की नसें भी कमजोर होने लगती हैं। है। नसों के क्षतिग्रस्त या कमजोर होने के कारण एक जगह ब्लड जमने लगता है और ये समस्या स्पा इडर वेन के नाम से जानी जाती है।
पीठ और गर्दन में दर्द
क्रॉस लेग में बैठने से हिप्स पर काफी प्रेशर होता है और इससे पेल्विक बोन पर भी बुरा असर पड़ता है। पेल्विक रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करती है और जब इसमें दिक्कत होती है तो गर्दन और पीठ के निचले और मध्य भाग में भी दर्द पैदा होने लगता है।
जानें, इस समस्या से बचने का उपाय
सबसे पहले तो क्रॉस लेग बैठने की आदत को बदलना होगा। यदि आप क्रॉस लेग बैठते हैं तो आपको थोडे़-थोड़े समय बाद अपनी सिटिंग पॉजिशन को भी बदलने की आदत डालनी होगी। साथ ही कुछ देर खड़े और चलते-फिरते भी रहना होगा। खुद को एक ही पॉजिशन में कभी न बैठने दें। अपने पैरों में मूवमेंट बनाए रखें।
याद रखें पैरों को क्रास कर बैठना आपके चलने फिरने के पैटर्न को ही बिगाड़ सकता है और हो सकता है कि आप चलने से भी लाचार हो जाएं।