भारत समेत कई और देश कोरोनावायरस की दूसरी लहर से प्रभावित हैं। इसी बीच कोरोनावायरस के मरीजों पर ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस जैसे काले बादल मंडरा रहे हैं। व्हाइट फंगस के आ जाने से मामला और गंभीर हो गया है। इस परिस्थिति ने लोगों को और डरा दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि व्हाइट फंगस खतरनाक है मगर ब्लैक फंगस के मुकाबले यह थोड़ा कम नुकसानदेह है। भले ही विशेषज्ञों की यह बात सुनकर थोड़ी तसल्ली मिल रही है मगर यह फंगस जानलेवा भी हो सकता है।
कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, यह पता चला है कि व्हाइट फंगस अन्य आम फंगस के समान है लेकिन इससे ठीक होने में करीब एक से डेढ़ महीने का समय लगेगा। इसी बीच विशेषज्ञ यह सुझा रहे हैं कि लोगों को अपने इम्यूनिटी का खास ध्यान रखना चाहिए और कोरोनावायरस से जितना हो सके उतना बचने की कोशिश करना चाहिए।
यहां जानें, व्हाइट फंगस से आधारित सभी जरूरी बातें।
ब्लैक फंगस या व्हाइट फंगस, कौन है ज्यादा खतरनाक?
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोनावायरस से लड़ के मरीजों के लिए यह दोनों वायरस खतरनाक हैं। लेकिन ब्लैक फंगस के मुकाबले व्हाइट फंगस ज्यादा नुकसानदेह नहीं है। मगर डॉक्टर्स यह हिदायत दे रहे हैं कि कोरोनावायरस के मरीजों को अपनी इम्यूनिटी पर खासा ध्यान देने की जरूरत है।
कोविड समान लक्षण
कुछ रिपोर्ट के अनुसार, व्हाइट फंगस के लक्षण कोविड-19 के जैसे ही हैं। यह फंगस फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसकी पहचान सिटी स्कैन से होती है। अगर समय रहते इसका इलाज ना हुआ तो यह शरीर के अन्य अंगों जैसे मुंह, नाखून, जोड़ों, आंतों, पेट, गुप्तांगो, किडनी और दिमाग आदि को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
क्या हैं व्हाइट फंगस के लक्षण?
व्हाइट फंगस फेफड़ों को प्रभावित करता है जिससे लोगों को खांसी, सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द और बुखार जैसी समस्याएं होती हैं। अगर व्हाइट फंगस दिमाग को प्रभावित कर रहा है तो इससे लोगों की समझने की क्षमता कम हो जाती है तथा उन्में सिर दर्द और दौरा पड़ने के लक्षण भी दिखाई देते हैं। छोटा और दर्दरहित फोड़ा, चलने में परेशानी और उठने-बैठने में दिक्कत भी व्हाइट फंगस के लक्षण हैं।
व्हाइट फंगस से किसको है ज्यादा खतरा?
जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उन्हें व्हाइट फंगस का खतरा ज्यादा है। जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड और एंटीबायोटिक का सेवन करने वाले लोगों को भी व्हाइट फंगस हो सकता है। डायबिटीज, लंग्स और कैंसर के मरीजों को अपना ध्यान अवश्य रखना चाहिए क्योंकि वह भी इसके चपेट में आ सकते हैं।
कोरोना पेशेंट को क्यों रहना चाहिए सचेत?
विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोनावायरस की ही तरह व्हाइट फंगस भी फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है और वहां बाॅल बनाता है जिनका पता सिटी स्कैन से चलता है। इन बॉल्स को लंग बॉल कहा जाता है। कोरोनावायरस लोगों के फेफड़ों को प्रभावित करता है और इस स्थिति में अगर वह व्हाइट फंगस के चपेट में भी आ जाते हैं तो यह परिस्थिति जानलेवा हो सकती है।
कैसे करें व्हाइट फंगस से खुद का बचाव?
जानकार बताते हैं कि व्हाइट फंगस से बचने के लिए लोगों को अपनी इम्यूनिटी पर खास ध्यान देना चाहिए और डायबिटीज के मरीजों को अपना डायबिटीज का लेवल नियंत्रित रखना चाहिए। इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग और स्टेरॉयड का सेवन कम करना चाहिए और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य करना चाहिए। इस परिस्थिति में बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। व्हाइट फंगस से बचने के लिए योग, एक्सरसाइज और पौष्टिक आहार भी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।