नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री और कभी कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे अजीत जोगी के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है। जोगी के निधन पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'श्री अजीत जोगी जी को जनसेवा का शौक था। इस जुनून और कड़ी मेहनत ने उन्हें नौकरशाह तथा एक राजनीतिक नेता बनाया। वह गरीबों, विशेषकर आदिवासी समुदायों के जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहे। उनके निधन से दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति संवेदना। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे।'
लंबे समय थे बीमार
लंबे समय से बीमार चल रहे अजीत जोगी का निधन आज दोपहर 3 बजकर 30 मिनट पर हुआ है। रायपुर स्थित श्रीनारायणा अस्पताल में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली। कुछ ही देर में उनका पार्थिव शरीर कटोरा तालाब सिविल लाइन, रायपुर स्थित उनके सरकारी निवास "अनुग्रह", सागौन बंगले में ले जाया गया जहां आम जनों को उनके अंतिम दर्शन के लिए आज 29 मई 2020, शुक्रवार को रात 9 बजे तक रखा जाएगा। शनिवार को उनका अंंतिम संस्कार होगा।
कर लिया था अलग पार्टी का गठन
2000 में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के बाद अजीत यहां के पहले मुख्यमंत्री बने तथा वर्ष 2003 तक इस पद पर रहे। राज्य में वर्ष 2003 में हुए विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी। राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने वर्ष 2016 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख थे।
छोड़ दी थी आईएएस की नौकरी
भारतीय प्रशासनिक सेवा की अपनी प्रतिष्ठित नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अजीत जोगी जिलाधिकारी से मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचने वाले संभवत: अकेले शख्स थे। राजनीति में आने से पहले और बाद में भी जोगी लगातार किसी न किसी से वजह से हमेशा विवादों में रहे। मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने प्रशासनिक अनुभव के आधार पर जोगी ने नए राज्य की आधारशिला को मजबूत करने के लिए कई दूरदर्शी फैसले लिए थे।
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