आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत बनेंगे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

देश
Updated Dec 30, 2019 | 15:21 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Bipin Rawat First Chief of Defence Staff : जनरल बिपिन रावत को देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनेंगे। 31 दिसंबर 2019 को सेना प्रमुख पद से रिटायर हो रहे हैं।

आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त
आर्मी प्रमुख जनरल बिपिन रावत बने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ 
मुख्य बातें
  • जनरल बिपिन रावत मंगलवार (31 दिसंबर 2019) को सेना प्रमुख पद से रिटायर हो रहे हैं
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य विभाग के प्रमुख होंगे
  • केंद्र सरकार के सबसे बड़े सैन्य सलाहकार होंगे

नई दिल्ली: आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ नियुक्त किया गया है। रावत देश के पहले डिफेंस स्टाफ प्रमुख होंगे। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। बिपिन रावत मंगलवार (31 दिसंबर 2019) को सेना प्रमुख पद से रिटायर होंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सैन्य विभाग के प्रमुख होंगे। सरकार के सबसे बड़े सैन्य सलाहकार होंगे। सरकार ने हाल ही में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवा नियमों को संशोधित करने के लिए एक गजट जारी किया था, जो रक्षा स्टाफ (सीडीएस) के प्रमुख की नियुक्ति और इस पोस्ट पर नियुक्त होने वाले की रिटायरमेंट आयु सीमा 65 वर्ष की गई। अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि पद के लिए आयु सीमा और कार्यकाल में संशोधन सेना के नियम 1954 के तहत किए गए हैं।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ सशस्त्र बलों की विभिन्न शाखाओं से संपर्क के सिंगल प्वाइंट के तौर में काम करेंगे। सेना के तीनों सेवाओं के मामले मेंर रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार भी होंगे। हालांकि सीडीएस तीन सेवा प्रमुखों पर किसी भी सैन्य कमांड का प्रयोग नहीं करेगा।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सीडीएस भारतीय सेना, वायु सेना या नौसेना में से एक फोर स्टार जनरल होगा और उन्हें एक सर्विस चीफ के समान वेतन का भुगतान किया जाएगा।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को सर्विस चीफ के बराबर मना गया है। उन्हें हथियार खरीद प्रक्रियाओं को ट्रिम करने और सशस्त्र बलों के संचालन को एकीकृत करने का काम सौंपा जाएगा।

सेना की देखरेख के लिए सीडीएस का पद पहली बार 1999 के कारगिल युद्ध के बाद बनाई गई समिति द्वारा अनुशंसित किया गया था। समिति की स्थापना सुरक्षा में खामियों की जांच के लिए की गई थी, यह युद्ध पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा भारत में घुसपैठ करने के बाद हुआ था।

 

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