नई दिल्ली। लद्दाख के पूर्वी सेक्टर में चीन अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। 29-30 अगस्त की घटना के बाद वो सकते में है, लिहाजा कभी वो धमकी भरी बात करता है तो कभी अपने सुर को नरम कर लेता है। इस सबके बीच आर्मी चीफ एम एम नरवणे मे लद्दाख का दौरा किया और महत्वपूर्ण बात कही कि पिछले कुछ महीने से एलएसी पर हालात गंभीर हैं। लेकिन हम पूरी तरह तैयार हैं। इसके साथ ही उन्होंने जवानों से कहा कि इस समय जोश और धैर्य की जरूरत है, पूरे देश की नजर हम पर है।
दुनिया की बेहतरीन सेनाओं में से एक हैं हम
आर्मी चीफ ने कहा कि जब जब देश के सामने किसी तरह की चुनौती आई तो भारतीय सेना ने डटकर मुकाबला किया। भारतीय सेना ने हर मुश्किल घड़ी में साबित किया है कि किसी भी हालात का सामना सिर्फ हथियारों से नहीं किया जाता है, बल्कि उसके लिए हौसले और धैर्य की जरूरत बोती है। आज जो हालात हैं उनमें जोश, जुनून और धैर्य का सामांजस्य होना बेहद जरूरी है। वो कहते हैं कि यह बात सच है कि चीन की कुछ गलत सोच की वजह से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात गंभीर हैं, लेकिन दूसरी ओर सच यह भी है हम तैयार हैं। भारतीय फौज अलग अलग तरह से एक एक पोस्ट की समीक्षा कर जवानों की तैनाती कर रही है।
SCO से इतर भारत-चीन के रक्षा मंत्री मिले थे
बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन से इतर शुक्रवार रात भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई जिसमें एलएसी पर ताजा हालात के बारे में चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमारा नजरिया साफ है, अगर हमारी एक इंच जमीन पर किसी की बुरी नजर पड़ी तो उसका करारा जवाब देंगे। लेकिन इसके साथ यह भी कहा कि हम किसी के उकसावे या बहकावे में नहीं आएंगे। भारतीय फौज न तो उकसावे का काम करती है और ना ही करेगी। यहां समझना जरूरी है कि चीन की तरफ उनकी सीमा में घुसपैठ का आरोप लगाया गया था।
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