जयपुर : राजस्थान में सियासी लड़ाई अब कोर्ट पहुंच गई है। कांग्रेस के अयोग्यता के नोटिस को चुनौती देने के लिए सचिन पायलट ने राजस्थान हाई कोर्ट का रुख किया है। पायलट की इस अर्जी पर आज सुनवाई होगी। कांग्रेस ने पायलट और बागी 18 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के लिए नोटिस भेजा है। राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। समझा जाता है कि गहलोत अपनी सरकार को अस्थिर करने के अपने आरोपों के बारे में कोई तथ्य पेश कर सकते हैं।
विधानसभा स्पीकर ने भेजा है नोटिस
राजस्थान विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी ने पायलट और 18 बागी विधायकों को नोटिस भेजा है। कांग्रेस विधायक दल की 13 और 14 जुलाई की बैठक हुई थी लेकिन इस बैठक में पायलय और उनके समर्थक विधायक नहीं पहुंचे थे जिसके बाद कांग्रेस ने कानूनी कार्रवाई का मन बनाया है। नोटिस में विधायकों से 17 जुलाई तक अपना जवाब देने के लिए कहा गया है। राजस्थान कांग्रेस प्रभारी ने कहा है कि यदि ये विधायक जवाब नहीं देते तो माना जाएगा कि वे सीएलपी से अपनी सदस्यता वापस ले रहे हैं।
हाई कोर्ट में आज है सुनवाई
इस केस में पायलट की पैरवी वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे कर रहे हैं। साल्वे ने अयोग्य ठहराए जाने वाले नोटिस को अवैध बताया है। जबकि स्पीकर जोशी के पक्ष को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कर रहे हैं। सिंघवी पायलट की अर्जी का विरोध किया है। कांग्रेस नेता का कहना है बिना किसी आधार के कोर्ट इस अर्जी को स्वीकार नहीं कर सकता।
पायलट को डिप्टी सीएम पद से हटाया
बता दें कि बागी तेवर अपनाने पर कांग्रेस ने पायलट को डिप्टी सीएम पद और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिया है। इसके बाद अटकलें लगाई जा रही थीं कि पायलट अपने खेमे के विधायकों के साथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं लेकिन उन्होंने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि वह भाजपा में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के कुछ नेता उनके भाजपा में शामिल होने के बारे में अफवाह फैला रहे हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि राजस्थान में पार्टी को दोबारा सत्ता में लाने के लिए उन्होंने काफी मेहनत की।
पायलट को मनाने में जुटी है कांग्रेस
पायलट के इस बयान के बाद कांग्रेस अपने नेता की वापसी को लेकर नाउम्मीद नहीं है। वह अभी भी पायलट को मनाने की कोशिश में है। बताया जा रहा है कि प्रियंका गांधी ने वरिष्ठ नेताओं अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल को पायलट को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। राजस्थान में सियासत किस ओर करवट लेगी यह बहुत कुछ हाई कोर्ट के फैसले पर निर्भर होगा।
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