नई दिल्ली : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के संस्मरण 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' की समीक्षा न्यूयार्क टाइम्स ने की है, जिसे लेकर भारतीय राजनीति में भूचाल आया हुआ है। दरअसल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर पुस्तक में जो कुछ भी लिखा है, उसे लेकर बीजेपी हमलावर हो गई है और कांग्रेस नेता पर तंज कर रही है। इसे लेकर कांग्रेस ने भी पलटवार किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उनके लिए की गई विवादित टिप्पणियों का जिक्र किया है।
दरअसल, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने संस्मरण 'ए प्रॉमिस्ड लैंड' में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का जिक्र करते हुए उन्हें 'नर्वस' और 'कम परिपक्व' बताया। साथ ही उन्होंने राहुल गांधी के लिए लिखा कि वह एक ऐसे छात्र की तरह हैं, जिसने अपना कोर्सवर्क तो पूरा किया है और अपने शिक्षक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक है, लेकिन कहीं न कहीं उनके भीतर इस महारत को हासिल करने के लिए जूनुन की कमी है। संस्मरण की न्यूयार्क टाइम्स द्वारा समीक्षा के बाद यह सब सामने आया।
पुस्तक में राहुल गांधी के लिए इस तरह की बातों के जिक्र का खुलासा होने के बाद बीजेपी एक नेता ने कांग्रेस नेता पर तंज करते हुए कहा, 'देश में बेइज्जती कम होने लगती है तो विदेश से बेइज्जती करवा लेते हैं।' वहीं, पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, 'बराक ओबामा अब कह रहे हैं हम तो पहले से ही कहते आ रहे हैं।' केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तंज करते हुए कहा कि राहुल को भारत में जो 'सम्मान' मिल रहा था, वह अब ग्लोबल हो गया है।
ओबामा की इस टिप्पणी को लेकर कांग्रेस में भी रोष दिख रहा है। कांग्रेस सांसद एम. टैगोर ने बराक ओबामा को ट्विटर पर अनफॉलो कर दिया है और लिखा कि वह 2009 से ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को फॉलो कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने उन्हें अनफॉलो कर दिया है। इस बीच ट्विटर पर ओबामा और राहुल ट्रेंड करने लगे। साथ ही '#माफ़ी_माँग_ओबामा' भी ट्रेंड करने लगा।
इन सबके बीच कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस किसी एक व्यक्ति की पुस्तक में प्रकट की गई राय पर टिप्पणी नहीं करती। उन्होंने दावा किया कि इस मामले पर प्रायोजित एजेंडा चलाया जा रहा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'मैं प्रायोजित एजेंडा चला रहे मीडिया के कुछ अतिउत्साही मित्रों को विनम्रता के साथ यह याद दिलाना चाहूंगा कि हम किसी पुस्तक में एक व्यक्ति द्वारा प्रकट की गई राय पर टिप्पणी नहीं करते। अतीत में भी एक नेता को लोगों एवं एजेंसियों द्वारा 'मनोरोगी', 'मास्टर डिवाइडर' कहा गया। हमने इन टिप्पणियों का संज्ञान भी नहीं लिया।'
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