नई दिल्ली: देश में लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक बढ़ने के बाद कांग्रेस ने मंगलवार को सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने की घोषणा के दौरान केवल बातें कहीं। उनके भाषण में कोविड-19 के संकट से अर्थव्यवस्था को उबारने और कोरोना से लड़ने के लिए कोई रोडमैप दिखाई नहीं दिया। अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए सरकार ने किसी राहत पैकेज की घोषणा नहीं की।
'सरकार अपना कर्तव्यों का पालन करे'
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सरकार बताए कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए रोडमैप कहां है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व का यह मतलब नहीं है कि वह लोगों को उनकी जिम्मेदारियों के प्रति केवल जागरूक होना सिखाए बल्कि सरकार का कर्तव्य बनता है कि लोगों के प्रति जो उसकी जवाबदेही बनती है, वह उसे पूरी करे। सुरजेवाला ने कहा, 'देश के नाम संबोधन में बहुत सारी बातें कही गईं लेकिन कोरोना के प्रकोप से लड़ने के लिए रोडमैप कहां है।'
चिदंबरम ने फैसले का स्वागत किया
वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लॉकडाउन की अवधि का विस्तार किए जाने के सरकार के फैसले का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार गरीब लोगों की जरूरतों को नजरंदाज कर रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए किसी राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है। लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद चिदंबरम ने कई ट्वीट किए। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा, 'हम लॉकडाउन बढ़ाने की बाध्यता को समझते हैं। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं।'
तीन मई तक बढ़ा लॉकडाउन
अपने एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, 'गरीब लोगों को 21+19 दिनों के लिए उनके हाल पर छोड़ दिया गया है। सरकार के पास पैसा है, भोजन है लेकिन वह दोनों में से कोई भी चीज गरीबों को नहीं दे रही है।' बता दें कि मंगलवार सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री ने एक बार फिर देश को संबोधित किया। उन्होंने लॉकडाउन की 21 दिनों की अवधि जो 14 अप्रैल को समाप्त हो रही है उसे बढ़ाकर 3 मई कर दी। पीएम ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए जारी लॉकडाउन के प्रभावी नतीजे देखने को मिले हैं।
सरकारों ने उठाए हैं कदम
विपक्ष की आलोचनाओं के विपरीत सरकार ने गरीबों एवं अर्थव्यवस्था को राहत पहुंचाने के लिए कई कदम उठाए हैं। पिछले महीने सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की जिसका मकसद लॉकडाउन से प्रभावित तबके को राहत देना और वायरस प्रभावित लोगों की देखरेख करने वालों सहित स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान करना है। लॉकडाउन के दौरान गरीब लोगों को राहत एवं मदद पहुंचाने के लिए राज्य सरकारों की तरफ से भी कदम उठाए गए हैं। दिल्ली, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्य सरकारें गरीब लोगों को मुफ्त में भोजन उपलब्ध करा रही हैं।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।