नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी बलों के बीच हिंसक झड़प बाद दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। इन सबके बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के साथ अचानक लेह पहुंच गए जहां उन्होंने वायुसेना और थलसेना के सैनिकों का उत्साह बढ़ाया और शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत भी की। पीएम के इस दौरे के बाद अब चीन की तरफ से भी प्रतिक्रिया आ गई है।
पीएम के दौरे पर क्या बोला चीन
पीएम मोदी के लेह दौरै पर चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से भी प्रतिक्रिया आ गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा, 'भारत और चीन सैन्य तथा राजनयिक चैनलों के माध्यम से तनाव को कम करने के बातचीत कर रहे हैं। किसी भी पक्ष को इस समय हालात बिगाड़ने वाले कदम नहीं उठाने चाहिए।' आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने लेह स्थित निमू में गए जो एक अग्रिम स्थल पर हैं और थलसेना, वायुसेना एवं आईटीबीपी के कर्मियों से बातचीत की।
घायल सैनिकों से भी मिले पीएम मोदी
सिंधु नदी के तट पर 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित निमू सबसे दुर्गम स्थानों में से एक है। पीएम ने यहां पहुंचकर ताजा हालातों का जायजा लिया और सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक भी की। पीएम की इस यात्रा को रणनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पीएम मोदी का यह दौरा एक तरह से चीन के लिए भी संदेश है। लेह के बाद प्रधानमंत्री ने गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हुए सैनिकों से अस्पताल जाकर मुलाकात की और उनका हालचाल जाना।
मन की बात में कही ये बात
इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत ने लद्दाख में अपनी भूमि पर आंख उठाकर देखने वालों को करारा जवाब दिया है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत मित्रता की भावना का सम्मान करता है लेकिन यदि कोई उसकी भूमि पर आंख उठाकर देखता है तो वह इसका उचित जवाब देने में भी सक्षम है।
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