फाइनली चीन को हटना पड़ा पीछे, गलवान घाटी में टेंट समेटकर 1-2 किलोमीटर तक पीछे हटे चीनी सैनिक

सैन्य स्तर की बातचीत के बाद चीन को आखिरकार गलवान घाटी में एक किलोमीटर पीछे हटने को मजबूर होना पड़ा है। चीनी सेना ने वहां से अपने टैंट हटा लिए हैं।

Chinese Army moves back tents, troops by 1-2 km in Galwan Vally LAC
फाइनली चीन को हटना पड़ा पीछे, एक किमी पीछे हटी चीनी सेना 
मुख्य बातें
  • गलवान घाटी में चीन के आक्रामक रुख में अब दिख रही है नरमी
  • खबर के मुताबिक चीन ने गलवान घाटी से 1-2 किलोमीटर पीछे हटाए अपने सैनिक और टेंट
  • दोनों देशों के बीच दो महीने से भी अधिक समय से बना हुआ तनाव

नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच पिछले दो महीने से भी अधिक समय से चल रही तनातनी के बीच अब चीनी सैनिकों के गलवान घाटी में एक से लेकर डेढ़ किलोमीटर तक पीछे हटने की खबर आ रही है।  चीन के आक्रामक रूख का भारतीय पक्ष की तरफ से भी उसी तरह जवाब दिया जा रहा था। दोनों देशों के बीच सैनिकों को पीछे हटाने केलिए कमांडर स्तर पर कई बार बातचीत हो चुकी थी लेकिन चीन मानने को तैयार नहीं हुआ था।  अब जहां 15 जून लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर गलवान घाटी में जहां हिंसक झड़प हुई थी चीन उससे करीब एक किलोमीटर पीछे हट गया है।

बारीकी से नजर बनाए हुए भारत

खबर के मुताबिक चीन ने अपने सैन्य वाहनों और सैनिकों को वापस भेज दिया है, जहां पर कोर कमांडर स्तर की वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी। सूत्रों का हवाला देते हुए एजेंसी ने दावा किया है कि गलवान नदी के आस-पास में अभी भी चीन के भारी बख्तरबंद वाहन नजर आ रहे हैं। भारतीय सेना चीन की हर हरकत पर बारीकी से नजर बनाए हुए। 

पीएम ने दिया था सख्त संदेश
रिपोर्ट में कहा गया है कि गलवान, लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों का डिसइंगेजमैंट शुरू हो गया है। कहा जा रहा है कि यह पिछले 48 घंटों में गहन राजनयिक, सैन्य संपर्कों का परिणाम है। हालांकि इस पर अभी सेना का कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ये बैठकें पीएम मोदी की हालिया लेह यात्रा के बाद हुईं, जहां उन्होंने पड़ोसी को एक निर्णायक और दृढ़ संदेश भेजा था। 

कमांडर स्तर की वार्ता में बनी थी सहमति

 सेना या सरकार द्वारा आधिकारिक पुष्टि के बाद से ही साफ हो पाएगा कि चीनी सैनिक पीछे हटे हैं कि नहीं। 30 जून को कोर कमांडर स्तर की बैठक हुई थी जिसमें वेरिफिकेशन की प्रक्रिया तय हुई थी। जिसका मतलब था कि अगर चीन पीछे हटता है तो फिर उसका वेरिफिकेशन किया जाएगा और यूएवी से उसकी तस्वीर ली जाएगी फिर जाकर पेट्रोलिंग पार्टी वहां खुद जाकर देखेगी कि चीन पीछे हटा है कि नहीं।

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