नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव के बीच भारतीय सेना ने 19 अक्टूबर की सुबह अपने क्षेत्र में एक चीनी सैनिक को पकड़ा था। अगले ही दिन 20 अक्टूबर की रात उसे चीनी पक्ष को सौंप दिया गया। यह फैसला दोनों देशों के बीच समान्य प्रोटोकॉल के तहत लिया गया। इस बीच सुरक्षा एजेंसियों ने उससे लंबी पूछताछ भी की। हालांकि अब तक यह नहीं बताया गया है कि आखिर वह क्यों और किस तरह भारत में दाखिल हुआ, लेकिन उसके पास से जो सामान बरामद किए गए, उसकी जानकारी सामने आ गई है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, लद्दाख के डेमचोक इलाके में पकड़ा गया चीनी सैनिक अपने साथ स्लीपिंग बैग, स्टोरेज डिवाइस और एक मोबाइल फोन लेकर आया था। समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी रिपोर्ट में कहा है, 'जब हमारे सुरक्षा जवानों ने पकड़ा तो चीनी सैनिक के पास से एक स्लीपिंग बैग, एक खाली डेटा स्टोरेज डिवाइस और एक मोबाइल फोन के साथ एक मिलिट्री आई कार्ड मिला था।'
भारतीय सीमा क्षेत्र में दाखिल हुए इस चीनी सैनिक की पहचान कॉरपोरल वांग या लांग के रूप में की गई थी और लद्दाख में ऊंचाई पर कड़ाके की ठंड को देखते हुए उसे ऑक्सीजन, भोजन, गर्म कपड़े सहित चिकित्सकीय सुविधाएं भी मुहैया कराई गई थी। भारतीय सेना को चीनी सेना से अपने लापता सैनिक के बारे में अनुरोध भी मिला था। प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद उसे मंगलवार रात तय प्रोटोकॉल के तहत चुशूल-मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर चीनी पक्ष को सौंप दिया गया।
यहां उल्लेखनीय है कि अपने सैनिक के भारतीय क्षेत्र में पकड़े जाने के बाद चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि सैनिक भारत-चीन सीमा के पास याक खोजने में स्थानीय चरवाहों की मदद करने के दौरान भटककर भारतीय क्षेत्र में जा पहुंचा। हालांकि भारतीय सूत्रों ने चीन के दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया था। पूरी पड़ताल के बाद इस चीनी सैनिक को पीएलए को सौंप दिया गया, जिसके बाद चीन की सरकारी मीडिया ने इसका स्वागत करते हुए मौजूदा तनाव के बीच इसे सकारात्मक कदम बताया।
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