नई दिल्ली : भारतीय सेना ने लद्दाख के डेमचोक इलाके में पकड़े गए चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक जवान को चीनी पक्ष को सौंप दिया है। भारतीय सेना ने चीनी सैनिक को मंगलवार रात चुशूल-मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर चीन की सेना को सौंपा। उसे 19 अक्टूबर की सुबह भारतीय क्षेत्र से पकड़ा गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने चीनी सैनिक से इस दौरान पूछताछ भी की।
भारतीय सेना द्वारा चीनी सैनिक को लौटाए जाने के बाद चीन की तरफ से प्रतिक्रिया आई है, जिसमें उसने इसका स्वागत करते हुए कहा है कि इससे भारत-चीन तनाव को लेकर सकारात्मक उम्मीद जगी है।
चीन की सरकारी मीडिया की तरफ से कहा गया है, 'भारतीय पक्ष ने सीमा क्षेत्र में खोए चीनी सैनिक को सौंप दिया है। उसकी सुरक्षित वापसी सीमा पर भारत-चीन तनव के बीच उम्मीद जगाती है। इससे आशा जगी है कि दोनों देशों के बीच परस्पर विश्वास और सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है।'
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीनी सैनिक के पास से सैन्य एवं नागरिक दोनों दस्तावेज बरामद हुए थे। भारतीय एजेंसियों ने उससे पूछताछ की कि वह क्यों और किस तरह से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। उसने जानबूझकर ऐसा किया या वह गलती से भारतीय सीमा में दाखिल हुआ। उसकी पहचान कॉरपोरल वांग या लांग के रूप में की गई थी। खराब मौसम को देखते हुए उसे ऑक्सीजन, भोजन, गर्म कपड़े सहित चिकित्सकीय सुविधाएं भी दी गईं।
इस बीच भारतीय सेना को पीएलए से भी अपने लापता सैनिक के बारे में अनुरोध प्राप्त मिला था, जिसके बाद प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद तय प्रोटोकॉल के तहत इस सैनिक को मंगलवार रात चुशूल-मोल्डो मीटिंग प्वाइंट पर सौंप दिया गया। चीनी सैनिक को डेमचोक में जिस जगह से पकड़ा गया था, वह चुशूल के नजदीक है और चुशूल में भारतीय सेना का बड़ा जमावड़ा है।
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