नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकार इसके उपचार के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के इस्तेमाल की संभावनाएं भी तलाश रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने गुरुवार को कहा कि अश्वगंधा सहित अन्य आयुष दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल आज से शुरू किया जा रहा है, ताकि यह समझा जा सके कि ये दवाएं कोरोना संक्रमण को रोकने या उसके उपचार में कितनी कारगर साबित हो सकती हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया 'ऐतिहासिक'
उन्होंने कहा कि इन दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल स्वास्थ्यकर्मियों और उन लोगों पर किया जा रहा है, जिन्हें संक्रमित मरीज के संपर्क में आने या अन्य कारणों से संक्रमण का खतरा सबसे अधिक है। इस कदम को 'ऐतिहासिक' करार देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि CSIR, ICMR के तकनीकी सहयोग से इसका ट्रायल किया जा रहा है और आयुर्वेदिक दवाओं की श्रेष्ठता आधुनिक तरीके से साबित करने का प्रयास किया जाएगा।
इन दवाओं का ट्रायल
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने अथवा प्रभावी इलाज के लिए जिन आयुष दवाओं का क्लिनिकल ट्रायल स्वास्थ्यकर्मियों और अधिक जोखिम वाले क्षेत्र में काम कर रहे लोगों पर किया जा रहा है, उनमें अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुरुच पिप्पाली, आयुष-64 जैसी दवाएं शामलि हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस तरह कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर पूरी दुनिया में जंग जैसी स्थिति है, उस बीच भारत में ऐतिहासिक काम शुरू हुआ है।
स्वास्थ्यकर्मियों पर ट्रायल
उन्होंने कहा कि भारत के आयुष मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत CSIR और इन तीनों संस्थाओं को मिलाकर और इसमें ICMR के तकनीकी सहयोग से आयुष की कुछ दवाइयों, जैसे- अश्वगंधा, यष्टिमधु, गुरुच पिप्पाली, आयुष-64 को लेकर उन लोगों के ऊपर व्यापक क्लिनिकल ट्रायल शुरू हो रहे हैं, जो स्वास्थ्यकर्मी हैं या अधिक जोखिम वाले क्षेम में काम कर रहे हैं या समाज के अंदर वे लोग जो कोविड-19 के मरीजों के साथ संपर्क में हैं और उसके कारण उन्हें संक्रमण का जोखिम है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस क्लिनिकल ट्रायल के जरिये यह समझने का प्रयास किया जाएगा कि इन दवाओं का क्या रोल हो सकता है या इन दवाओं का कोविड-19 बीमारी के खिलाफ लड़ने में क्या योगदान हो सकता है।
संक्रमण के आंकड़े 53 हजार के करीब
यहां उल्लेखनीय है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 50 हजार के पार पहुंच गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 52,952 हो गए हैं, जबकि 1783 लोगों की अब तक इस घातक संक्रमण से जान जा चुकी है। वहीं, 15,267 लोग अब तक इस घातक संक्रमण की चपेट में आने के बाद ठीक हुए हैं।
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