Migrant workers: घर लौट रहे मजदूरों का रेल किराया कांग्रेस करेगी वहन, सोनिया गांधी का ऐलान

देश
ललित राय
Updated May 04, 2020 | 09:51 IST

congress will bear cost of migrant laborres rail fare: कांग्रेस ने प्रवासी मजदूरों के रेल भाड़े को वहन करने का ऐलान किया है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मजदूर ही इस देश की थाती हैं।

घर लौट रहे मजदूरों का रेल किराया कांग्रेस करेगी वहन, सोनिया गांधी का ऐलान
प्रवासी मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन  
मुख्य बातें
  • प्रवासी मजदूरों के बारे में कांग्रेस का बड़ा ऐलान, रेल किराये करेगी वहन
  • कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस विषय पर केंद्र सरकार को कोसा
  • केंद्र सरकार को देश निर्माण में योगदान देने वाले मजदूरों की फिक्र नहीं

नई दिल्ली। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्रवासी मजदूर अब अपने अपने राज्यों की तरफ लौट रहे हैं। इन सबके बीच कांग्रेस की तरफ से बड़ा ऐलान किया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मजदूर इस देश की बैकबोन है। मुश्किल की इस घड़ी में उन्हें सभी तरह की मदद दी जानी चाहिए। कांग्रेस ने फैसला किया है कि जो मजदूर ट्रेन के जरिए अपने राज्यों को जा रहे हैं उनका खर्च कांग्रेस वहन करेगी। 

मजदूरों पर कांग्रेस मेहरबान
हम यहां पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने क्या कुछ प्रवासी मजदूरों के बारे में अपनी राय रखी है उसे हुबहु आप के सामने रख रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से बताया गया है कि किस तरह से मजदूर ही देश की थाती हैं और वो समय समय पर अपनी उपयोगिता सिद्ध करते रहे हैं। अगर आज उनके सामने मुश्किल हालात हैं तो सरकार को सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए था। 

केंद्र सरकार से सवाल भी
इस ऐलान के साथ ही कांग्रेस की तरफ से केंद्र सरकार  पर सवाल भी उठाया गया है। कांग्रेस ने पूछा है कि जब गुजरात में एक कार्यक्रम के लिए सरकार 100 करोड़ रुपए ट्रांसपोर्ट और खाने के नाम पर खर्च कर सकती है, इसके अलावा जब रेल मंत्रालय 151 करोड़ की राशि पीएम कोरोना फंड में दे सकती है तो देश निर्माण में लगे इन मेहनतकशों को मुफ्त में रेलयात्रा क्यों नहीं करा सकती है।

इसलिए है विरोध
अब यहां जानना जरूरी है कि कांग्रेस की तरफ से इस तरह का ऐलान क्यों किया गया। बता दें कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए प्रवासी मजदूरों को उनरे राज्यों में पहुंचाने की कवायद की जा रही है। लेकिन सवाल यह है कि रेल का किराया कौन अदा कर रहा है। फिलहाल रेल का किराया राज्य सरकारें वहन कर रही हैं। लेकिन बाद में उसे मजदूरों से वसूल किया जाएगा। कांग्रेस को इसी बात पर विरोध है। कांग्रेस के साथ साथ दूसरे राजनीतिक दलों का कहना था कि अगर सरकार करोड़ों रुपए सार्वजनिक कार्यक्रमों पर खर्च कर सकती है तो मजदूरों के ऊपर खर्च करने में क्या परेशानी है। 

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