क्या लॉकडाउन में आज से मिलेगी रियायत? यहां पढ़ें किस राज्य में मिलेगी कितनी छूट, कौन होगा और सख्त

देश
लव रघुवंशी
Updated Apr 20, 2020 | 00:57 IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रभाव कम होगा, वहां 20 अप्रैल के बाद कुछ आवश्यक गतिविधियों की छूट दी जाएगी। जानें अलग-अलग राज्यों ने इस पर क्या नीति अपनाई है।

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देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी है  |  तस्वीर साभार: AP
मुख्य बातें
  • तेलंगाना के मुख्यमंत्री KCR ने लॉकडाउन 7 मई तक बढ़ा दिया है
  • अरविंद केजरीवाल ने कहा- लॉकडाउन में नहीं मिलेगी कोई छूट
  • UP के जिन जिलों में कोरोना के 10 से ज्यादा केस, वहां नहीं मिलेगी रियायत

नई दिल्ली: देश में 3 मई तक लॉकडाउन लागू है, लेकिन सरकार द्वारा 20 अप्रैल से चयनित इलाकों में चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को अनुमति दी गई है। जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई द्वारा दी जाने वाली सेवाएं आज से चालू हो सकेंगी। ग्रामीण इलाकों में चल रहे उद्योगों को सामाजिक दूरी के सख्त नियमों के साथ काम करने की अनुमति दी जाएगी। कृषि, बागवानी गतिविधियों, खेतों में काम कर रहे किसान तथा कामगारों को कृषि उत्पादों की खरीद की अनुमति है।

इससे लोगों में उम्मीद जगने लगी थी कि जहां-जहां पर कोरोना का असर कम है, वहां-वहां सरकारों और प्रशासनों द्वारा छूट दी जाएगी, लेकिन कई राज्य सरकारों ने स्पष्ट कर दिया कि वे रियायतें नहीं देने जा रहे हैं, लॉकडाउन का वैसे ही पालन किया जाए, जैसे किया जा रहा है।

ई-कॉमर्स के गैर-जरूरी वस्तुओं पर पाबंदी    
सबसे पहले केंद्र सरकार ने ही यू-टर्न लेते हुए लॉकडाउन के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा गैर-जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगा दी। 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-जरूरी सामान की बिक्री की अनुमति दी गई थी।

दिल्ली में नहीं मिलेगी छूट
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना वायरस के संबंध में चिह्नित किए गए ग्रीन और ओरेंज क्षेत्रों में उद्योगों को नियंत्रित तरीके से कामकाज बहाल करने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने तय किया है कि वह जारी लॉकडाउन में राहत नहीं देगी क्योंकि फिलहाल राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार थमा नहीं है। सरकार एक हफ्ते बाद फिर से स्थिति की समीक्षा करेगी। उत्तराखंड में कोरोनो वायरस लॉकडाउन के मद्देनजर 3 मई तक सरकारी कार्यालयों को बंद रखा जाएगा।

ऐसा रहेगा उत्तर प्रदेश का हाल
वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये स्पष्ट कर दिया है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना वायरस के 10 से ज्यादा पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए हैं उन्हें अभी नहीं खोला जाएगा। 20 अप्रैल से प्रदेश में उद्योगों को सशर्त शुरू करने की अनुमति दी जाएगी। नोएडा के जिला मजिस्ट्रेट सुहास एलवाई ने कहा कि जिले के निवासियों के हित में, हम सख्त लॉकडाउन उपायों को लागू करेंगे और कोविड 19 से निपटने के अपने प्रयासों को जारी रखेंगे। कृपया जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें। यानी किसी प्रकार की छूट नहीं मिलेगी। गाजियाबाद एसएसपी की तरफ से कहा गया, 'जनपद में 20 अप्रैल 2020 से कोई भी नई आर्थिक/वाणिज्यिक/औद्योगिक/कार्यालयी/परिवहन/शैक्षणिक व अन्य गतिविधियां अग्रिम आदेशों तक प्रारंभ नहीं की जाएगी। जिन नियमों एवं कानूनों के तहत लॉकडाउन चल रहा है वह उसी प्रकार यथास्थिति सख्त एवं प्रभावी ढंग से लागू रहेगा।

तेलंगाना में बढ़ा लॉकडाउन
वहीं तेलंगाना में तो लॉकडाउन को सात मई तक के लिए बढ़ाया गया। मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि राज्य में लॉकडाउन को सख्त तरीके से लागू किया जाएगा। सोमवार से राज्य में फूड डिलीवरी ऐप के संचालन की अनुमति नहीं होगी।

पंजाब में भी नहीं छूट
इसके अलावा पंजाब सरकार ने रकहा कि वह तीन मई तक गेंहू की खरीद को छोड़ कर कर्फ्यू में और कोई छूट नहीं देगी। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कोरोना वायरस महामारी के कारण उभरे हालात को लेकर प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर वर्तमान स्थिति का जायजा लेने के बाद यह घोषणा की।

बिहार ने उठाया ये कदम
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 20 अप्रैल से निजी और सरकारी क्षेत्र के दो दर्जन से ज्यादा उद्योगों को काम शुरू करने की जो छूट दी जा रही है, उससे सड़क निर्माण तथा विनिर्माण कार्यों में लगे कामगारों को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिन तीन हजार उद्योगों को कुछ शर्तों के साथ अनुमति दी गई है, उनमें 900 से ज्यादा ग्रामीण इलाकों में हैं। सिंचाई, हरियाली मिशन और मनरेगा से जुड़े मजदूर भी काम पर जा सकेंगे। इसके लिए प्रशासनिक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, ताकि किसी को बेवजह परेशान न होना पड़े।

तमिलनाडु करेगा फैसला
वहीं तमिलनाडु सरकार राज्य में कुछ उद्योगों को पाबंदियों से ढील देने पर फैसला कर सकती है। यह फैसला एक विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद लिया जाएगा। राज्य सरकार ने कहा कि रिपोर्ट सोमवार को आने की संभावना है और कोई फैसला लिए जाने तक मौजूदा पाबंदियां लागू रहेंगी। कर्नाटक सरकार भी छूट देने पर विचार कर रही है। लॉकडाउन को 21 अप्रैल मध्यरात्रि तक बढ़ाने के लिए रविवार को नए आदेश जारी किए।

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, '20 तारीख से कुछ औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ की जा रही हैं, लेकिन नियमों और निर्देशों का पूरी तरह से पालन करते हुए। संक्रमित इलाकों और कंटेनमेंट एरिया से मजदूर नहीं आएंगे। भोपाल, इंदौर और उज्जैन में यह छूट नहीं दी जाएगी।' हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने ट्वीट कर कहा, '20 अप्रैल के बाद ग्रीन जोन में आर्थिक गतिविधियां शुरू होंगी लेकिन रेड जोन एवं नियंत्रण वाले क्षेत्रों में सामने आए पिछले मामले से 14 दिनों तक किसी गतिविधि की अनुमति नहीं दी जाएगी।'

गुजरात में होगी आर्थिक गतिविधियां
गुजरात सरकार ने गुरुवार को उद्योगों और वाणिज्यिक गतिविधियों को 20 अप्रैल से फिर से शुरू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए था। हालांकि, ये छूट राज्य के विभिन्न शहरों में हॉटस्पॉट के रूप में घोषित क्षेत्रों में लागू नहीं होगी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार 20 अप्रैल से आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ करने पर विचार कर रही है। गांवो में मनरेगा के काम शुरू हो गए हैं।

राजस्थान में भी सख्त लॉकडाउन
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सरकारी कार्यालयों में 20 अप्रैल से 33% कार्मिकों को रोटेशन के आधार पर बुलाने के निर्णय को फिलहाल टाल दिया गया है। अभी केवल सचिव, विभागाध्यक्ष, उप सचिव स्तर के अधिकारी, उनका निजी स्टाफ ही दफ्तर आएंगे। आगे इस संबंध में चरणबद्ध रूप से निर्णय लिया जाएगा। मॉडिफाइड लॉकडाउन में नगरपालिका के बाहर ग्रामीण क्षेत्रों में उद्योग शुरू हो सकेंगें। शहरी क्षेत्रों में उन्हीं उद्योगों को सीमित छूट दी गई है, जिनमें श्रमिकों को फैक्ट्री में रखने की उचित व्यवस्था उपलब्ध है। 20 अप्रैल से शुरू होने वाले मॉडिफाइड लॉकडाउन का यह कतई मतलब नहीं कि लोग घरों से बाहर निकल सकते हैं। लोग किसी सूरत में अपना जीवन खतरे में न डालें। लॉकडाउन की उसी तरह पालना करें, जैसे अब तक करते रहे हैं। आवश्यक सेवाओं के अतिरिक्त कोई बाहर निकला तो कार्रवाई होगी।' 

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