Nizamuddin Markaz केस में दिल्ली पुलिस ने दायर की स्टेटस रिपोर्ट, सोशल डिस्टेंसिंग का नहीं हुआ पालन

देश
आलोक राव
Updated May 26, 2020 | 13:45 IST

Nizamuddin Markaz case: दिल्ली पुलिस का कहना है कि मौलाना साद एवं अन्य लोगों ने मरकज में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की अनुमति दी।

Delhi Police has filed a status report in Delhi High Court in 'Nizamuddin Markaz' gathering matter
मरकज निजामुद्दीन मामले में दिल्ली पुलिस ने दायर की स्टेटस रिपोर्ट। 
मुख्य बातें
  • मरकज निजामुद्दीन मामले में दिल्ली पुलिस ने हाई कोर्ट में दायर की स्टेटस रिपोर्ट
  • अपनी रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस का दावा-मरकज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ
  • मार्च मध्य में यहां आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हुए लोग पाए गए कोविड-19 से संक्रमित

नई दिल्ली: निजामुद्दीन मरकज मामले में दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को दिल्ली हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दायर की। स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि मौलान साद और अन्य ने मरकज में बड़ी संख्या में लोगों के जुटने की अनुमति दी और इस दौरान वहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। दिल्ली पुलिस की इस जांच में 900 लोगों से पूछताछ की गई है। अपनी स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कोविड-10 का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोशल डिस्टेंसिंग पर जो गाइडलाइन जारी की थी उसका उल्लंघन हुआ। 

दिल्ली पुलिस ने कहा है कि मरकज के एक सदस्य को विदेशी सहित जमात के भारतीय सदस्यों को इमारत छोड़कर जाने की बात कही गई लेकिन वहां किसी ने बात नहीं सुनी और गाइडलाइन का पालन नहीं  हुआ। स्टेटस रिपोर्ट में मौलाना साद के उस ऑडियो क्लिप का भी जिक्र किया गया है जिसमें वह अपने अनुयायियों से लॉकडाउन का उल्लंघन कर कार्यक्रम में शामिल होने की बात कह रहे हैं।

मरकज में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ
रिपोर्ट के मुताबिक मरकज में इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौजूदगी के बारे में मौलाना एवं उनके लोगों ने स्थानीय प्रशासन को जानकारी नहीं दी। दिल्ली पुलिस ने साफ तौर पर कहा है कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग पर दिल्ली सरकार की तरफ से जारी गाइडलाइन का मरकज में जानबूझकर उल्लंघन किया गया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने अपनी इस स्टेटस रिपोर्ट में मरकज और मौलाना साद के बारे में जिन बातों का दावा किया है उसे कोर्ट में साबित करना होगा।

मार्च के मध्य में सुर्खियों में आया मरकज
बता दें कि निजामुद्दीन मरकज उस वक्त सुर्खियों में आया जब यहां मार्च के मध्य में आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में शामिल तब्लीगी जमात के सदस्य कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने लगे। बताया जाता है कि मरकज में आयोजित कार्यक्रम में जमात के विदेशी सदस्य सहित करीब 4000 लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद जब ये लोग अपने राज्यों में पहुंचे तो वहां भी कोविड-19 के केस तेजी से बढ़े। कई राज्यों का मानना है कि तब्लीगी जमात के इस धार्मिक कार्यक्रम की वजह से उनके यहां कोरोना के मामलों में तेजी आई। 

मरकज के वित्तीय नेटवर्क की भी जांच जारी
मरकज में आयोजित इस धार्मिक कार्यक्रम के बारे में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है। इसके अलावा मरकज के वित्तीय नेटवर्क की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रहा है। यह मामला सामने आने के बाद से ही मरकज के प्रमुख मौलाना साद पुलिस के सामने नहीं आए हैं। मामले की शुरुआत में साद के वकील ने कहा कि मौलाना ने डॉक्टरों की सलाह पर खुद को क्वरंटाइन में रखा है।

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