नई दिल्ली : अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज तालिबान ने महिलाओं पर जहां कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं, वहीं मंत्रिमंडल में भी किसी महिला सदस्य को शामिल नहीं किया है। तालिबान राज में महिलाओं के अधिकारों को लेकर दुनियाभर में चिंता के बीच भारत में भी इसे लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। इस बीच कांग्रेस के दो दिग्गज नेताओं दिग्विजय सिंह और शशि थरूर ने पुराने बयानों का हवाला देते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा है। उनका कहना है कि कामकाजी महिलाओं को लेकर तालिबान और इनकी सोच एक जैसी है।
दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को एक ट्वीट कर कहा, तालिबान कहता है कि महिलाएं मंत्री बनाए जाने लायक नहीं हैं। मोहन भागवत कहते हैं कि महिलाओं को घर पर ही रहकर गृहस्थी चालनी चाहिए। क्या विचारों में समानता है?
दिग्विजय सिंह ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के 2013 के एक बयान को भी शेयर किया है, जिसमें उन्होंने शादी को पति-पत्नी के बीच एक समझौता करार देते हुए कहा था कि पत्नी को घर संभालना चाहिए और पति को कामकाज और महिला की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालनी चाहिए।
दिग्विजय सिंह के साथ-साथ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी इसी तरह का एक ट्वीट शेयर किया है, जिसमें उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के उस पुराने बयान का हवाला दिया है, जिसमें उन्होंने कहा कि महिलाओं को सुरक्षा की जरूरत होती है। उन्हें स्वतंत्र नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है। तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने एक न्यूजपेपर की कटिंग भी शेयर की है।
यूपी के सीएम पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने लिखा, 'तालिबान की तरह सोचने के लिए आपको दाढ़ी बढ़ाने या सिर पर साफा बांधने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यूपी में महिला बीजेपी वोटर्स से सवालिया लहजे में कहा कि क्या वे ऐसा सीएम के द्वारा प्रतिनिधित्व चाहती हैं?
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